TCS 12,000 से ज़्यादा कर्मचारियों की छंटनी (फोटो- सोशल मीडिया)
TCS Layoffs News: भारत की आईटी दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने वित्त वर्ष 26 में अपने कर्मचारियों की संख्या में 2 प्रतिशत की कटौती करने की योजना का खुलासा किया है, जिसका असर मीडिल और वरिष्ठ प्रबंधन पर पड़ेगा। TCS ने उन्नत तकनीकों को अपनाकर और AI को एकीकृत करके नए बाजारों में विस्तार करते हुए कर्मचारियों के ट्रेनिंग देने और रि-स्ट्रक्चरिंग करने की घोषणा की है।
कंपनी के इस बदलाव के तहत लगभग 12,200 पद समाप्त किए जाएंगे। कंपनी ने कहा, ‘यह बदलाव अत्यंत सावधानी से योजनाबद्ध किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई प्रभाव न पड़े।’ कंपनी ने आगे कहा, ‘हम समझते हैं कि यह हमारे सहयोगियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, जिनके प्रभावित होने की संभावना है। हम उनकी सेवा के लिए उनका धन्यवाद करते हैं और नए अवसरों की ओर बढ़ने पर उन्हें उचित लाभ, आउटप्लेसमेंट, परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’
भारत का 283 अरब डॉलर का आईटी उद्योग मुश्किलों का सामना कर रहा है। बताया जा रहा है कि ग्राहकों की कम मांग, लगातार बढ़ती मंहगाई और अमेरिकी व्यापार नीतियों को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण गैर-जरूरी तकनीकी खर्चों में कटौती की जा रही है।
टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन ने रविवार को एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि तकनीक और व्यावसायिक संचालन में बदलाव इसकी वजह हैं। उन्होंने कहा, ‘हम नई तकनीकों, खासकर एआई और ऑपरेटिंग मॉडल में बदलाव पर जोर दे रहे हैं। काम करने के तरीके बदल रहे हैं। हमें भविष्य के लिए तैयार और चुस्त रहने की जरूरत है। हम एआई का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं और भविष्य के लिए आवश्यक कौशल का मूल्यांकन कर रहे हैं।’
आईटी कर्मचारियों के संगठन ने टीसीएस की योजनाबद्ध छंटनी पर चिंता जताई है। नैंसेंट इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंप्लॉयी सीनेट (एनआईटीईएस) ने भी इस पर चिंता जताई है। इसके अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा कि इस तरह की सामूहिक छंटनी कर्मचारियों के बीच व्यापक अनिश्चितता पैदा करती है। यह गंभीर नैतिक और कानूनी सवाल भी खड़े करता है, खासकर जब यह पर्याप्त पारदर्शिता और औचित्य के बिना किया जाता है।
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एनआईटीईएस ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से इसमें तुरंत हस्तक्षेप करने और टीसीएस से स्पष्टीकरण मांगने की अपील की है। संगठन ने कहा है, ‘हम यह भी मांग करते हैं कि कंपनी श्रम कानूनों के तहत उचित प्रक्रिया का पालन करे, जिसमें कर्मचारियों और उनके प्रतिनिधियों से परामर्श भी शामिल हो। अनुकूलन या व्यावसायिक पुनर्गठन के नाम पर बड़े पैमाने पर छंटनी एक डिफॉल्ट रणनीति नहीं बन सकती। आईटी उद्योग को निष्पक्षता और सहानुभूति बनाए रखनी चाहिए।’