भारतीय अर्थव्यवस्था (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले एक दशक में भारत के गहन आर्थिक परिवर्तन को कई ऐतिहासिक सुधारों और अभिनव पहलों के द्वारा बढ़ावा मिला है। साल 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़े इकोनॉमी बनने की अग्रसर हो रही है, जिसके लिए कई क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलावों का अनुभव करने के लिए तैयार है।
सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं से पता चलता है कि देश ने रेलवे और एविएशन से लेकर रोड़ इंफ्रास्क्रचर, इलेक्ट्रिक वाहन और उपग्रह कार्यक्रमों तक विभिन्न क्षेत्रों में कई परिवर्तनकारी बदलावों की योजना बनाई है। भारत महत्वाकांक्षी आर्थिक विकास हासिल करने के लिए मॉडर्नाइजेशन और इनोवेशन को अपना रहा है।
साल 2030 तक भारतीय रेलवे में मुंबई-अहमदाबाद और दिल्ली-अमृतसर जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर होंगे। भारत में निर्मित वंदे भारत जैसी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें, जो 200 किमी/घंटा तक की गति से चलने में सक्षम हैं, प्रमुख टियर-1 और टियर-2 शहरों को जोड़ेंगी। ट्रांसपोर्टेशन के ज्यादा विश्वसनीय और टिकाऊ साधन के लिए भारतीय रेलवे ने 2030 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है। ब्रॉड गेज रेलवे का लगभग 97 प्रतिशत हिस्सा पहले ही विद्युतीकृत हो चुका है। स्वचालित सिग्नलिंग और उन्नत यात्री सूचना प्रणाली दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तैयार हैं। रेल नेटवर्क में भी 50 प्रतिशत विस्तार होने की उम्मीद है।
भारत का एविएशन सेक्टर एक बड़े अपग्रेडेशन के लिए तैयार हो रहा है। साल 2030 तक, देश में 200 से अधिक हवाई अड्डे बनाने की योजना है, जो 2024 में 157 से अधिक है, जिससे रिजनल कनेक्टिविटी में सुधार होगा और इंटरनेशनल रूट्स का विस्तार होगा। इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड विमानों को अपनाने से यह क्षेत्र पर्यावरण के अनुकूल बनेगा, साथ ही परिचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए एडवांस एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा समर्थित होगा।
रोड़ इंफ्रास्क्रचर एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पिछले दशक में बहुत काम किया गया है। 2030 तक 100,000 किलोमीटर से ज्यादा नेशनल हाईवेज का लक्ष्य और भारतमाला प्रोजेक्ट से उच्च आर्थिक विकास के लिए संपर्क में वृद्धि होने की उम्मीद है। सरकार मेट्रो ट्रेन और इलेक्ट्रिक बसें शुरू करके सार्वजनिक परिवहन में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल करने की भी योजना बना रही है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी 50 प्रतिशत की कमी आएगी। स्मार्ट सिटी मिशन से 2030 तक 100 से अधिक शहरों में आधुनिक बुनियादी ढाँचा और हरित भवन पहल लाने की उम्मीद है, जिसमें उन्नत सार्वजनिक परिवहन, ऊर्जा-कुशल बुनियादी ढाँचा और बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं।