असली और नकली सोने की पहचान कैसे करें? (कॉन्सेप्ट फोटो)
Tips to Check Real And Fake Gold: भारत में सोने की खरीद को लेकर एक अलग ही क्रेज है। शादी-विवाह, त्योहार या कोई खास अवसर इन सभी मौकों पर लगभग हर भारतीय सोने की खरीद पर अधिक से अधिक खर्च करता है। देश के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाके में भी सोना आज भी निवेश का सबसे बेहतर विकल्प के रूप में बना हुआ है। हालांकि, आज के दौर में उच्च स्तरीय तकनीक के बावजूद भी नकली सोने की खरीद और बिक्री काफी तेजी से हो रही है। कई ऐसे लोग है जो सोना खरीदने की चाहत रखते हैं, लेकिन उन्ही असली और नकली में फर्क की समझ नहीं है।
हाल ही में मध्य प्रदेश से एक खबर सामने आई है कि राजधानी भोपाल में यूको बैंक की चार ब्रांच से नकली सोने के बदले करीब 35 करोड़ रुपये का लोन लिया गया। इन मामले में सीबीआई केस दर्ज कर चुकी है और जांच कर रही है। अगर इस स्तर पर नकली सोने के साथ धोखाधड़ी किया जा सकता है, तो यह आम आदमी इससे कितना सुरक्षित है।
ऐसा फ्रॉड आपके साथ भी हो सकता है। ऐसे में सोने की खरीदारी करते समय यह जानना जरूरी है कि आप जिस कैरेट (, 18,22 या 24) का पेमेंट कर रहे हैं, क्या वह सोना उतने ही कैरेट का है। इसके साथ कई ऐसी चीजें जानना जरूरी है जिससे पता कर सकते हैं कि आप जो सोना खरीद रहे हैं वह नकली है या असली। जब भी आप सोना खरीदें, उसकी शुद्धता जरूर चेक करें। इसके साथ ही पक्के बिल भी जरूर देखनी चाहिए। सोना खरीदते समय ये इन 5 बातों का जरूर ध्यान रखें।
सोने की ज्वेलरी खरीदते समय BIS स्टैंडर्ड मार्क देखना बहुत जरूरी है। बीआईएस लोगो एक त्रिकोण (Triangle) के आकार का होता है। यह गहनों पर हॉलमार्क का पहला निशान है। बीआईएस लोगो का मतलब है कि सोने की शुद्धता बीआईएस-सर्टिफाइड सेंटर पर जांची गई है। अगर गोल्ड ज्वेलरी पर यह मार्क है तो समझिए सोना ठीक है। यह निशान सोने की क्वालिटी की गारंटी देता है।
(सोने की हॉलमार्किंग)
सोने के गहने पर उसकी प्यूरिटी से जुड़ा हॉलमार्क होता है। सोने की खरीदारी के समय यह जरूरी देखें। अगर किसी सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्क नहीं है, तो उसे बिलकुल भी न खरीदें। यह हॉलमार्क इस बात की जानकारी देते है कि सोने में कितनी शुद्धता है। सोने की शुद्धता के मुताबिक किसी भी गहने की प्राइस तय की जाती है। जितने ज्यादा कैरेट का सोना लेंगे उसमें उतना ही ज्यादा सोना होता है। इसके साथ ही कीमतों में भी फर्क देखने को मिलने लगता है। ज्यादा कैरेट का मतलब सोने का ज्यादा शुद्ध होना होता है। इसमें कैरेट को अंग्रेजी के अक्षर के (K) से प्रदर्शित करते हैं।
सोना खरीदते समय HUID कोड देखना जरूरी है। यह कोड गहनों पर बना तीसरा निशान होता है। इसे हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर कहते हैं। यह 6 डिजिट का कोड होता है। इसमें अल्फाबेट्स (A से Z) और न्यूमेरिक्स (1 से 9 तक) होते हैं। जैसे- A123BC, B456CD, C789EF आदि। हर गहने के लिए यह कोड अलग होता है। आप BIS Care App पर ‘Verify HUID’ फीचर से इस कोड को चेक कर सकते हैं। कोड आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आप जो सोना खरीद रहे हैं, वह असली है और उसकी शुद्धता सही है।
सोने की ज्वेलरी खरीदते समय यह देखना बहुत जरूरी है कि आप इसे कहां से खरीद रहे हैं। छोटे शहरों में स्थानीय दुकानदार से खरीदे गए सोने की शुद्धता में अंतर आ सकता है। अगर ज्वेलरी पर बीआईएस मार्क, हॉलमार्क और HUID कोड है तो भी दुकानदार से पक्का बिल लेना न भूलें। कई ऐसे भी मामले आए हैं कि काफी स्थानीय दुकानदार ज्वेलरी पर नकली हॉलमार्क भी लगा देते हैं। पक्के बिल पर दुकानदार का जीएसटी नंबर भी होता है। उस नंबर से जीएसटी की ऑफिशियल वेबसाइट services.gst.gov.in/services/searchtp पर जाकर सर्च कर सकते हैं।
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सारी चीजें पूरी होने के बाद मशीन के जरिए भी सोने की शुद्धता जांच लें। इस मशीन को कैरेटोमीटर भी कहा जाता है। आजकल कई अच्छी दुकानों में सोना जांचने की मशीन भी होती है। कई बड़े ब्रांड अपने स्टोर पर इस मशीन को रखते हैं। आप चाहें तो स्थानीय दुकानदार से खरीदे गए सोने की शुद्धता की जांच भी इन मशीन पर करवा सकते हैं। इससे सोने की शुद्धता तुरंत पता चल जाती है।