हिंडनबर्ग फाउंडर नाथन एंडरसन (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : अमेरिकी सर्च फर्म हिंडनबर्ग के बारे में एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। इस कंपनी के फाउंडर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में कंपनी को बंद करने की जानकारी दी है। हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने एक बेहद इमोशनल नोट एक्स पर साझा की है। एंडरसन ने अपने इस पोस्ट में एक लिंक में अपने संदेश में लिखा है कि मैनें पिछले साल के आखिरी में ही अपने फैमिली, फ्रेंड्स और हमारी टीम के साथ ये बात शेयर की थी कि मैं हिंडनबर्ग को बंद करने का फैसला ले रहा हूं। हमने जो सोचा था, उसे पूरा करने के बाद इसे बंद करना था। आज कुछ बाकी मामलों को नियामकों के साथ साझा करने के बाद आखिरकार वो दिन भी आ गया है।
इतना ही नहीं इस नोट में नाथन ने अपने शुरूआती दिनों के संघर्षों को भी याद किया है। उन्होंने इस बारे में लिखा है कि मुझे शुरू में ये जानकारी नहीं थी कि क्या कोई संतोषजनक रास्ता खोजना संभव होगा, ये मेरे लिए काफी कठिन विकल्प था, लेकिन मैं हर खतरे के लिए तैयार था और बहुत तेजी से काम करने के लिए आकर्षित भी था। नाथन ने अपने करियर के बारे में लिखा है कि अपनी ज्यादातर नौकरियों में मैं एक बेहद अच्छा कर्मचारी थी, लेकिन ज्यादातर कंपनियों में मेरी नजरअंदाजी की जाती थी। जब मैनें हिंडनबर्ग की शुरूआत की थी, तब मेरे पास पैसे भी नहीं थे और गेट से बाहर निकलते ही 3 केस लगने के कारण मेरे पास बचे पैसे भी खत्म हो गए थे।
एंडरसन ने लिखा है कि नेगेटिव विचारों के आगे झुकना और दूसरों की सोच पर विश्वास करना काफी सरल है, स्पेशली तब जब चीजें खराब होने लगती है, लेकिन इससे निकलना काफी संभव है। मैं इसे लेकर भी काफी इमोशनल था और मैनें अपने डर और इनसिक्योरिटी के बाद भी इसे आगे बढ़ने दिया। ये धीरे-धीरे ये फलने फूलने लगा। एक-एक लोगों को जोड़ने के बाद और बिना किसी प्रॉपर प्लानिंग के हमने 11 लोगों की अविश्वसनीय टीम बनायी थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर ने कहा है कि हम सभी ने एक्यूरेसी पर ध्यान केंद्रित करते हुए और पुख्ता सबूतों के आधार पर अपने शब्दों को चुनने में कड़ी मेहनत की है। शुरूआत में न्याय की भावना आमतौर पर मायावी होती थी, जब ऐसा हुआ तो ये बहुत संतोषजनक लगता था। हमारे काम का हमारी सोच से भी ज्यादा असर हुआ था। हमारे काम के कारण कम से कम आंशिक रूप से रेग्यूलेटरी द्वारा 100 लोगों पर दीवानी या आपराधिक आरोप लगाए गए थे। इस सूची में अरबपतियों और कुलीन परिवारों का भी नाम शामिल हैं, हमने हमारे काम से कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिलाया है जिन्हें हिलाने की सख्त जरूरत थी।