रेसीप्रोकल टैरिफ (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट्स ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी जीटीआरआई ने कहा है कि अमेरिका की ओर से चीन, ताइवान, थाईलैंड, वियतनाम और बांग्लादेश समेत कई एशियाई देशों पर हायर टैरिफ लगाए जाने से भारत के लिए ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग में अपनी मजबूत पकड़ का अवसर पैदा हो गया है।
जीटीआरआई ने कहा है कि मेडिसिन, सेमीकंडक्टर, तांबा जैसी जरूरी एवं रणनीतिक वस्तुओं और तेल, गैस, कोयला व तरलीकृत प्राकृतिक गैस यानी एलएनजी जैसे एनर्जी प्रोडक्ट्स को अमेरिका ने बुधवार को घोषित 27 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी में छूट दी गई है जिनसे इन सेक्टर्स में भारत के लिए नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
रिसर्च इंस्टीट्यूट्स ने कहा कि अमेरिका की जवाबी टैरिफ सिस्टम भारत के लिए ग्लोबल सप्लाई चेन पुनर्गठन से लाभ प्राप्त करने में मुख्य सोर्स का काम कर सकती है। हालांकि, इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए भारत को ट्रेड करने में आसानी बढ़ानी होगी, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर में इंवेस्टमेंट करना होगा और नीतिगत स्थिरता कायम रखनी होगी।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि अगर ये कदम उठाए जाते हैं, तो भारत आने वाले सालों में एक प्रमुख ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट सेंटर बनने की स्थिति में होगा। उन्होंने कहा है कि ऐसी वस्तुएं हैं जिन पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा उनमें दवा, सेमीकंडक्टर, तांबा जैसी आवश्यक और रणनीतिक वस्तुएं और तेल, गैस, कोयला व एलएनजी जैसे ऊर्जा उत्पाद शामिल हैं।
जीटीआरआई ने कहा कि अमेरिका के वियतनाम, ताइवान, चीन, थाइलैंड और बांग्लादेश सहित कई एशियाई देशों पर हायर रेसीप्रोकल टैरिफ लगाए जाने से भारत के लिए ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर पैदा हुआ है।
श्रीवास्तव ने कहा कि हालांकि, लाभ खुद से प्राप्त नहीं होंगे तथा भारत को लाभ उठाने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन, घरेलू मूल्य संवर्धन व प्रतिस्पर्धात्मकता सुधार के लिए गहन सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इंडियन प्रोडक्ट्स पर 27 प्रतिशत, अपेक्षाकृत कम जवाबी शुल्क दर निर्धारित की है जबकि चीन पर 54 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत और थाइलैंड पर 36 प्रतिशत शुल्क दर निर्धारित की गई है। जिससे भारत को कई प्रमुख सेक्टर्स में स्वाभाविक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त हुआ है।
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अमेरिका ने भारत पर 27 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाने का 2 अप्रैल को ऐलान किया गया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का मानना है कि अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर भारत हायर इंपोर्ट ड्यूटी वसूलता है, ऐसे में अब देश के व्यापार घाटे को कम करने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। इस कदम से अमेरिका को भारत के एक्सपोर्ट पर असर पड़ने के आसार हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिन्हें हमसे ज्यादा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)