प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- IANS
Share Market Next week: भारतीय शेयर बाजार के लिए आने वाला हफ्ता बेहद अहम होगा। जीएसटी 2.0 के लागू होने से लेकर एच-1बी वीजा फीस बढ़ोतरी और भारत-अमेरिका ट्रेड डील में प्रगति जैसे कई कारक निवेशकों की धारणा और बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती दिखाई, लेकिन आने वाले दिनों में कई बड़े आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय फैसलों के असर से निवेशकों की रणनीति बदल सकती है। जीएसटी 2.0 का नया ढांचा, अमेरिकी वीजा पॉलिसी में बदलाव और भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता इस हफ्ते बाजार की दिशा तय करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाएंगे।
22 सितंबर से देश में जीएसटी 2.0 लागू हो रहा है। इसके तहत मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) घटाकर सिर्फ दो- 5% और 18% रह जाएंगे। कई दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स दरें कम की गई हैं, जिससे सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इसका असर बाजार की धारणा पर सकारात्मक पड़ सकता है क्योंकि खपत बढ़ने से कंपनियों के मुनाफे में सुधार की उम्मीद है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा पर भारी-भरकम फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दी है। हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह फीस सिर्फ वन टाइम पेमेंट होगी और केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगी। मौजूदा वीजा धारकों या विदेश में रहने वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। भारतीय आईटी और टेक्नोलॉजी कंपनियों पर इसका असर देखने को मिल सकता है क्योंकि वे अमेरिका में बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स को भेजती हैं।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में आने वाले हफ्ते कोई भी सकारात्मक या नकारात्मक अपडेट बाजार को हिला सकता है। अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल भारत पहुंच चुका है और दोनों देशों के बीच बातचीत को “सकारात्मक दिशा” में आगे बढ़ते हुए बताया जा रहा है। निवेशकों की नजरें इस डील पर टिकी हैं क्योंकि इससे एक्सपोर्ट-इंपोर्ट और विदेशी निवेश के मोर्चे पर बड़ा असर पड़ सकता है।
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार ने मजबूती दिखाई। निफ्टी 0.85% बढ़कर 25,327.05 पर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 721.53 अंक या 0.88% चढ़कर 82,626.23 पर पहुंचा। सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी पीएसयू बैंक 4.83% की बढ़त के साथ सबसे ऊपर रहा। इसके अलावा निफ्टी रियल्टी (4.43%), निफ्टी एनर्जी (2.31%), निफ्टी पीएसई (2.19%) और निफ्टी सर्विसेज (0.95%) ने भी सकारात्मक रिटर्न दिया।
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विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले हफ्ते 1,327.38 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जो हाल के हफ्तों में सबसे कम रही। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार समर्थन जारी रखा और 11,177.37 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे बाजार को मजबूती मिली।