नए इनकम टैक्स एक्ट को लेकर मिले सभी सवालों के जवाब, बोली- ये कोई नया टैक्स नहीं, आम जनता के लिए समझा होगा आसान
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय इससे पहले भी ये संकेत दे चुके हैं कि नए बिल में प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे। ये टैक्स न्यूट्रल होगा। इस बिल को लाने के पीछे सरकार का इरादा क्या है?
नई दिल्ली : 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेने वाला न्यू इनकम टैक्स बिल डायरेक्ट टैक्स एक्ट्स को पढ़ने और समझने में आसान बनाएगा, इससे परेशानी दूर होगी और केस की भी संख्या कम होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिल को बजट सेशन में संसद में पेश किया जाने वाला है और इसे आगे की समीधा के लिए फाइनेंस रिलेटेड स्टैंडिंग कमिटी के पास भेजा जाने वाला है।
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय इससे पहले भी ये संकेत दे चुके हैं कि नए बिल में प्रावधान और स्पष्टीकरण या लंबे वाक्य नहीं होंगे। ये टैक्स न्यूट्रल होगा। इस बिल को लाने के पीछे सरकार का इरादा क्या है और टैक्सपेयर्स के लिए नए एक्ट के मायने क्या हैं, इसका क्लेरिफिकेशन इस तरह हैं।
सवाल : आयकर कानून की समीक्षा क्यों जरूरी है?
जवाब : इनकम टैक्स लॉ लगभग 60 साल पहले 1961 में बनाया गया था और तब से समाज में, लोगों के पैसे कमाने के तरीके और कंपनियों के बिजनेस करने के तरीके में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। समय के साथ इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन किए गए। देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में तकनीकी प्रगति और बदलावों को देखते हुए, पुराने इनकम टैक्स एक्ट को पूरी तरह से बदलने की सख्त जरूरत है।
सवाल : वित्त मंत्री ने क्या घोषणा की?
जवाब : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को अपने बजट भाषण में 6 महीने के अंदर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी। उन्होंने 1 फरवरी, 2025 को अपने 2025-26 के बजट भाषण में कहा कि इस बिल को चालू बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।
सवाल : नए इनकम टैक्स एक्ट में क्या करने का प्रस्ताव है?
जवाब : नए कानून के ज्यादा शॉर्ट और सरल होने की उम्मीद है, जिसे एक आम आदमी भी समझ सके। सरकार का इरादा इसके आकार को आधा करना और भाषा को सरल बनाना है। इससे मुकदमेबाजी कम करने में भी मदद मिलेगी और इस तरह विवादित कर मांगों में कमी आएगी।
सवाल : नया कानून कैसे सरल होगा?
उत्तर : इनकम टैक्स एक्ट, 1961 प्रत्यक्ष करों – पर्सनल इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, सिक्योरिटी ट्रांसेक्शन टैक्स, गिफ्ट और प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा अन्य टैक्सेस को लागू करने से संबंधित है। इस समय एक्ट में लगभग 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं। समय के साथ, सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स, गिफ्ट टैक्स, फ्रिंज बेनिफिट कर और बैंकिंग नकद लेनदेन कर सहित विभिन्न शुल्कों को समाप्त कर दिया है। नया एक्ट उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे कर एक्सपर्ट्स की मदद के बिना समझ सकें।
सवाल : क्या इसका मतलब आम आदमी पर अधिक टैक्स का बोझ होगा?
जवाब : पूरी संभावना है कि यह पूरी प्रक्रिया रेवेन्यू न्यूट्रल तरीके से की जाएगी। इसका उद्देश्य भाषा और अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा। नए इनकम टैक्स एक्ट में इनकम टैक्स रेट में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर वित्त अधिनियम के माध्यम से किया जाता है।
सवाल : क्या सरकार ने पहले भी नया इनकम टैक्स लाने के लिए कोई प्रयास किया है?
जवाब : वर्ष 2010 में ‘डायरेक्ट टैक्स संहिता विधेयक, 2010’ संसद में पेश किया गया था। इसे जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजा गया था। हालांकि, 2014 में सरकार बदलने के कारण विधेयक निरस्त हो गया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Finance minister nirmala sitharaman statement on new income tax act