ईपीएफओ (डिजाइन फोटो )
नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने अपने मेंबर्स को एक चेतावनी दी है। उन्होंने सोमवार को अपने सदस्यों को थर्ड पार्टी के एजेंट की हेल्प लेने के लिए आगाह किया और सलाह दी है कि वे अपने पीएफ अकाउंट से संबंधित सर्विसेज के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करें, ताकि जरूरी डिटेल्स को पब्लिक होने के खतरे से बचाया जा सकें।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ ने अपने सभी पक्षों के लिए सर्विसेज को तेज, ट्रांसपरेंट और यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। ईपीएफओ के 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर्स हैं जो विभिन्न प्राइवेट और पब्लिक सेक्टरों के उद्यमों के कर्मचारी या पूर्व कर्मचारी हैं।
बयान के अनुसार, यह पाया गया कि कई साइबर कैफे ऑपरेटर/फिनटेक कंपनियां ईपीएफओ सदस्यों से उन सर्विसेज के लिए बड़ी रकम वसूल रही हैं जो ऑफिशियल तौर पर फ्री हैं। कई मामलों में ये ऑपरेटर सिर्फ ईपीएफओ के ऑनलाइन कंप्लेंट प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, जिसका उपयोग कोई भी सदस्य अपने आप फ्री में कर सकता है।
इसमें कहा गया कि संबंधित पक्षों को ईपीएफओ से संबंधित सेवाओं के लिए थर्ड पार्टी की कंपनियों या एजेंट के पास जाने या उनसे संपर्क करने के प्रति सचेत किया जाता है, क्योंकि इससे उनका वित्तीय आंकड़ा सार्वजनिक हो सकता है। साथ ही ये बाहरी संस्थाएं ईपीएफओ द्वारा रजिस्टर्ड नहीं हैं।
बयान के अनुसार, ईपीएफओ के पास मजबूत शिकायत निगरानी एवं निवारण प्रणाली है, जिसमें सदस्यों की शिकायतों को सीपीजीआरएएमएस यानी केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निपटान और निगरानी प्रणाली या ईपीएफआईजीएमएस यानी ईपीएफ आई शिकायत प्रबंधन प्रणाली प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड किया जाता है और समयबद्ध तरीके से उनके समाधान तक उनकी निगरानी की जाती है।
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वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफआईजीएमएस में कुल 16,01,202 शिकायतें और सीपीजीआरएएमएस में 1,74,328 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 98 प्रतिशत शिकायतों का समय-सीमा के भीतर समाधान किया गया। ईपीएफओ अपने सभी सदस्यों, नियोक्ताओं तथा पेंशनभोगियों को ईपीएफओ मंच और उमंग ऐप के माध्यम से उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने की सलाह देता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)