भारतीय अर्थव्यवस्था (सौजन्य : सोशल मीडिया)
Deloitte Prediction For Indian Economy: ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस प्रोवाइडर डेलॉयट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भविष्यवाणी की है। डेलॉयट की दक्षिण एशिया इकाई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ रोमल शेट्टी ने कहा है कि भारत आने वाले 15 सालों में 7-8 परसेंट तक की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट हासिल कर सकता है, क्योंकि हाल ही के सालों में ये ग्लोबल संकटों से सक्सेसफुली उभर चुका है।
आईएमएफ ने ये अनुमान जताया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। साथ ही, इस साल वह जापान को पछाड़कर लगभग 4.2 लाख करोड़ डॉलर के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
शेट्टी ने पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में ये कहा है कि चालू वित्त वर्ष में इंडियन इकोनॉमी 6.7 परसेंट के रेट से बढ़ सकती है। इसका मुख्य कारण सर्विसेज में मजबूत प्रदर्शन, बढ़ता मार्केट इंवेस्टमेंट और कृषि उत्पादकता में सुधार है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक उथल-पुथल जैसे बड़े झटकों के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है और मजबूत बढ़त के लिए तैयार है। उन्होंने कहा है कि भारत की मुख्य रूप से सर्विस बेस्ड इकोनॉमी ग्लोबल ट्रेड चैलेंजेस से काफी हद तक अप्रभावित रहती है।
शेट्टी ने कहा कि अगले 10-15 सालों में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 7-8 परसेंट बढ़ने की उम्मीद जतायी है। उन्होंने बताया है कि भारत में दुनिया के 50 परसेंट से ज्यादा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर यानी जीसीसी हैं जबकि फॉर्च्यून 2000 कंपनियों में से लगभग 67 परसेंट की अभी भारत में मौजूदगी नहीं है। भारत में फिलहाल लगभग 1,800 जीसीसी हैं जो सही नीतिगत परिवेश, इकोसिस्टम सपोर्ट और समन्वित कार्रवाई के साथ अगले कुछ सालों में 3,400-5,000 सेंटर्स तक बढ़ सकते हैं।
शेट्टी ने कहा कि भारत में Per Capita Income अभी 2,800 अमेरिकी डॉलर से कम है लेकिन इसके 4,000 डॉलर के करीब पहुंचने के साथ ही खपत दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग, सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टरों में बढ़ती रुचि और अच्छे मानसून के बाद कृषि उत्पादकता में सुधार का भी उल्लेख किया। उन्होंने ग्लोबल कंपनियों के भारत में सर्विस सेक्टर में निवेश करने की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि रक्षा, सेमीकंडक्टर और दवा क्षेत्रों में भी निवेश की क्षमता है।
डेलॉयट के वरिष्ठ अधिकारी ने ग्लोबल ट्रेड वॉर को स्थायी प्रवृत्ति मानते हुए कहा कि अगले कुछ महीनों में मौजूदा अनिश्चितता कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध कई साल में सबसे मजबूत हैं। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच पहले से कहीं अधिक समान आधार हैं।
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उनकी यह टिप्पणी भारत पर हाई टैरिफ लगाने की 1 अगस्त की टाइमलिमिट पास आने के बीच आई है। उनका मानना है कि वर्तमान हाई टैरिफ रेट कम होंगे और ट्रेड वॉर जल्द ही खत्म होंगे। शेट्टी ने कहा कि भारत और अमेरिका अपने-अपने हितों की रक्षा करते हुए एक बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच एक ऐसा समझौता होगा जिससे दोनों बाजारों को महत्वपूर्ण रूप से लाभ मिलेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)