इनकम टैक्स बिल (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स यानी सीबीडीटी के हेड रवि अग्रवाल ने सोमवार को इंडस्ट्रियल वर्ल्ड से नए इनकम टैक्स बिल पर अपनी राय देने की बात कही है। इस बिल को इस हफ्ते संसद में पेश किया जाने वाला है।
नया इनकम टैक्स बिल 60 सालों पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह ले सकता है। इसे 6 महीने के अंदर तैयार किया गया है। टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स अनुपालन को आसान और इसे पढ़ने व समझने में आसान बनाने के लिए भाषा को सरल रूप देने के प्रयास किए गए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि नया बिल इस तरह से तैयार किया गया है कि यह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुरूप हो। इसके अलावा, नए कानून को संक्षिप्त बनाया गया है क्योंकि पुराने प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे यह कम बोझिल हो गया है। उन्होंने इंडस्ट्रियल वर्ल्ड से कहा कि नया बिल पेश होने के बाद वे अपने सुझाव दें और आश्वासन दिया कि सुझावों पर विचार किया जाएगा।
अपडेटेड आयकर रिटर्न यानी आईटीआर-यू के बारे में अग्रवाल ने कहा कि पिछले 3 सालों में करीब 90 लाख ऐसे रिटर्न दाखिल किए गए। इससे करीब 8,500 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा रेवेन्यू हासिल हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि किसी भी आकलन वर्ष के लिए अपडेटेड आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी जाएगी।
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अग्रवाल ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अब प्रतिकूल दृष्टिकोण नहीं सहभागी दृष्टिकोण अपना रहा है। उन्होंने कहा, टैक्स डिपार्टमेंट का नजरिया बदल रहा है। अग्रवाल ने कहा कि इनकम टैक्स विवेकपूर्ण यानी प्रूडेंट-पीआरयूडीईएनटी दृष्टिकोण अपना रहा है, जिसमें ‘पी’ का अर्थ सक्रिय व पेशेवर, ‘आर’ का अर्थ नियम आधारित, ‘यू’ का अर्थ उपयोगकर्ता अनुकूल, ‘डी’ का मतलब डेटा आधारित, ‘ई’ का अर्थ सक्षम वातावरण, ‘एन’ का अर्थ गैर-हस्तक्षेप और ‘टी’ का अर्थ पारदर्शिता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)