वित्त वर्ष 1947-48 में केवल 197.1 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। वर्तमान परिदृश्य में अगर इसे देखा जाए तो आजकल इतना बजट एक जिले का होता है। (फोटो-सोशल मीडिया)
देश का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को केवल 197.1 करोड़ रुपये की मामूली राशि के साथ पेश किया था। (फोटो-सोशल मीडिया)
पिछले वित्त वर्ष में भारत का आम बजट 47.65 लाख करोड़ रुपये का पेश किया गया था। इस तरह से देखा जाए तो बजट में कुल 24187.81 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। (फोटो-सोशल मीडिया)
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री और अस्थायी वित्त मंत्री के रूप में वित्तीय वर्ष 1958- 59 का बजट पेश किया था। तब वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी को घोटाले में नाम आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। (फोटो-सोशल मीडिया)
करीब 10 साल बाद एक बार फिर ऐसा ही हुआ तब वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद इंदिरा गांधी ने भी प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते हुए वित्तीय वर्ष 1969-70 का बजट पेश किया था। (फोटो-सोशल मीडिया)
समय के हिसाब से बजट का टाइम व तारीख भी बदल गयी है। पहले समय शाम 5 बजे बजट पेश किया जाता था। इसे तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 में बदलकर सुबह 11 बजे का कर दिया, जो अब तक जारी है। (फोटो-सोशल मीडिया)
आजादी के बाद से देश में रेलवे एकमात्र ऐसा मंत्रालय था, जिसका बजट अलग से पेश किया जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने 2017 में इसे आम बजट में मिला दिया। (फोटो-सोशल मीडिया)
साल 2019 में जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट के दौरान अस्वस्थ हो गए तो उस वर्ष का बजट उनके सहयोगी मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था। (फोटो-सोशल मीडिया)
23 जुलाई 2024 यानी मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोरारजी देसाई के लगातार 6 बजट पेश करने के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सबसे अधिक 7 बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाने वाली हैं। (फोटो-सोशल मीडिया)