ईपीएफओ (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : आम बजट 2025-26 में कुछ अहम बदलाव किए जा सकते हैं। 1 फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही है। केंद्र सरकार रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को सोशल सिक्योरिटी के अंतर्गत व्यापक प्रॉफिट दिए जाने के ऑप्शन पर विचार कर रही है। इसके अंतर्गत, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ से जुड़े कर्मचारियों को अपने पीएफ फंड को पेंशन में बदलने का ऑप्शन दे सकती है। जिसके कारण रिटारयमेंट के बाद कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा पेंशन मिल सकती है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी सरकार सोशल सिक्योरिटी को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय पहले ही सामाजिक सुरक्षा योजना का दायरा बढ़ाने के ऑप्शन पर काम कर रहा है। नए ऑप्शन्स के अंतर्गत, श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाने वाली है। ईपीएफओ से जुड़े श्रमिक पीएफ फंड में जमा कैश अमाउंट को रिटायरमेंट के समय पेंशन के तौर पर बदला जा सकता हैं।
जिसका सीधा मतलब है कि रिटायरमेंट के समय किसी कर्मचारी को लगता है कि उसे बुढ़ापे में पेंशन ज्यादा चाहिए तो वो फंड में जमा अमाउंट को पेंशन अमाउंट में डाल सकता है। इससे पेंशन के रुप में मिलने वाली अमाउंट बढ़ सकती है।
अगर किसी कर्मचारी को ऐसा लगता है कि रिटायरमेंट के समय लगता है कि उसके पास इनकम का दूसरा सोर्स हैं और उसे 58 साल की उम्र में रिटायरमेंट होने पर पेंशन नहीं चाहिए, बल्कि वो 60-62 साल या किसी और उम्र में पेंशन को शुरू करना चाहता है, तो उसे ये ऑप्शन भी दिया जा सकता है। ऐसे में पेंशन फंड में जमा होने वाली अमाउंट पर सालाना ब्याज जुड़ता रहेगा।
श्रम मंत्रालय चाहता है कि ईपीएफओ सदस्यों को नियमित निर्धारित मंथली योगदान के एक्स्ट्रा लम्पसम अमाउंट को अपने अकाउंट में डालने की परमिशन दी जानी चाहिए। इस ऑप्शन पर पिछले काफी समय से चर्चाएं तेज हैं, हालांकि अभी इस फैसले पर सहमति बनना बाकी है।
श्रम मंत्रालय ने कहा है कि जिनके पास सेविंग्स होती है, लेकिन वो बैंकों में एफडी इसीलिए नहीं करवाते हैं कि वहां पर सालाना ब्याज 7 प्रतिशत या उससे कम ही मिलता है। जबकि पीएफ अकाउंट में जमा होने वाली धनराशि पर 8.25 प्रतिशत से भी ज्यादा का ब्याज मिलता है।