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जन्मदिन विशेष: विजय माल्या की एक ये गलती, जिसने पूरे साम्राज्य को कर दिया तबाह

Vijay Mallya: 'फ्लाई द गुड टाइम्स' और 'द टेस्ट ऑफ रियल इंडिया' जैसे टैगलाइन के साथ कारोबार के सातवें आसमान पर चढ़ चुके विजय माल्या की कहानी किसी फिल्म के किरदार से कम नहीं है।

  • By मनोज आर्या
Updated On: Dec 18, 2024 | 05:00 AM

विजय माल्या ( फाइल फोटो)

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नई दिल्ली: लिकर किंग, द मैन ऑफ गुड टाइम्स के नाम से मशहूर विजय माल्या (Vijay Mallya) अब भगोड़ा साबित हो चुके हैं। 9 हजार करोड़ रुपए लेकर भागे विजय माल्या को लंबे समय से भारत लाने की चर्चा जारी है। हालांकि,अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है। जिसे आज भगोड़े के रूप में पहचान मिली है वो कभी किंग मेकर हुआ करते थे। बॉलीवुड, स्पोर्ट्स और कॉर्पोरेट की दुनिया में उनके नाम की डंका बजती थी। पिता के थप्पड़ से जिस कहानी की शुरुआत हुई वो देखते ही देखते बर्बादी के मंजर में बदल गया। ‘फ्लाई द गुड टाइम्स’ और ‘द टेस्ट ऑफ रियल इंडिया’ जैसे टैगलाइन के साथ कारोबार के सातवें आसमान पर चढ़ चुके विजय माल्या की कहानी फिल्म की किरदार से बिलकुल भी कम नहीं।

विजय माल्या का का आज जन्मदिन है। माल्या का जन्म 18 दिसंबर, 1955 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता विठ्ठल माल्या भी कारोबारी थे और विजय माल्या ने उनसे ही कारोबार का गुर सीखा था। शुरुआती दौर में विजय माल्या का बिजनेस में कोई दिलचस्पी नहीं थी। पढ़ाई को लेकर भी वो कुछ ज्यादा सीरियस नहीं थे। बेटे की शैतानियों से परेशान विठ्ठल माल्या ने उन्हें थप्पड़ ज़ड़ दिया। पिता की नाराजगी देखकर विजय माल्या ने खुद को बदल दिया।

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पिता से विरासत में मिला कारोबार

एक इंटरव्यू के दौरान विजय माल्या ने कहा कि पिता जी के उस थप्पड़ ने मेरी जिंदगी बदल दी। उसके बाद से उन्होंने कारोबार में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया। माल्या को शराब का कारोबार पिता से विरासत में मिला था। उस समय माल्या 28 साल के थे। उन्होंने किंगफिशर (Kighfisher) को बड़ा करने के लिए काम करना शुरू कर दिया। टीवी से लेकर अखबारों तक, माल्या ने सभी जगहों पर किंगफिशर बियर के विज्ञापन को चलवाया। उन्होंने शराब के कारोबार को कार्पोरेट का रूप दिया। विजय माल्या ने 1978 में यूनाइटेड बुअरीज के अंब्रेला में किंगफिशर प्रिमियम नाम से बियर सेल की शुरुआत की। बियर बिजनेस के प्रचार के लिए किंगफिशर कैंलेंडर की शुरुआत की। आईपीएल टीम खरीदी और फिर किंगफिशर एयरलाइन शुरू किया। ये सब उनकी किंगफिशर बियर की मार्केटिंग का हिस्सा था।

विजय माल्या अपने बियर की मार्केटिंग को लेकर काफी क्रिएटिव थे। किंगफिशर के प्रचार के लिए उन्होंने RCB आईपीएल टीम, फॉर्मूला वन टीम खरीदी। आरसीबी आईपीएल के साथ किंगफिशर का ऐड लोगों के जुंबा पर आज तक चढ़ा हुआ है। उ ला ला ला ले ओ…की धुन के साथ धोनी से लेकर विराट कोहली और क्रिस गेल जैसे क्रिकेटर इस धुन पर थिरकते दिखे।

2008 में आरसीबी पर खेला दांव

विजय माल्या ने साल 2008 में आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु खरीदी। इसके आलाव फॉर्मूला वन की टीम फोर्स इंडिया खरीद ली। हालांकि, इसके साथ ही माल्या के पतन की शुरुआत होने लगी। माल्या ने एयर डेक्कन को खरीदने के बाद उनकी स्ट्रेटजी समझने में गलती कर दी। एयर डेक्कन के मर्जर के साथ 71 एयरक्राफ्ट की फ्लीट और उसके 30% पैसेंजर भी उसके हिस्से आए। माल्या को उम्मीद थी कि एयर डेक्कन के कस्टमर किंगफिशर की ओर रुख करेंगे। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। किंगफिशर के बजाए एयर डेक्कन के कस्टमर ने दूसरी लो कॉस्ट एयरलाइंस का रूख करना शुरू कर दिया।

2003 में किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत

किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत 2003 में हुई, लेकिन इसका ऑपरेशन साल 2005 में शुरू हुआ। बेटे सिद्धार्थ माल्या को बर्थ डे पर किंगफिशर एयरलाइंस गिफ्ट किया। इसकी पेरेंट कंपनी यूनाइटेड बुअरीज ही थी। एयरलाइंस में लो कॉस्ट पर हवाई सफर का मौके देने के साथ लग्जरी सफर का मजा मिल रहा था। कहा ये भी जाता है कि माल्या ने अपने बियर ब्रांड का प्रचार करने के लिए किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत की। किंगफिशऱ एयरलाइंस फाइव स्टार एयर ट्रैवल के तौर पर जानी जाती थी। कारोबार को बढाने के लिए साल 2007 में उन्होंने एयर डेक्कन एयरलाइन को खरीद लिया।

कर्मचारियों की रोकनी पड़ी सैलरी

एयर डेक्कन को लेकर माल्या का अनुमान गलत साबित होने लगा। साल 2011 से किंगफिशर के पतन की शुरुआत होने लगा। एयरलाइंस लगातार घाटे में चलने लगा। तीन सालों में 1000 करोड़ का नुकसान हो गया। हालात ऐसे होने लगे कि उड़ाने रोकनी पड़ी। कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई। इनकम घटने लगा, घाटा बढ़ने लगा। कर्ज का पबोझ हावी होने लगा। माल्या कर्ज को कम करने के लिए मार्केट से फंड नहीं उठा पा रहे थे। हालांकि माल्या की पार्टियों, लाइफस्टाइल में कोई फर्क नहीं पड़ा।

2012 में किंगफिशर का लाइसेंस रद्द

साल 2012 में किंगफिशर का लाइसेंस रद्द हो गया। फरवरी 2013 में इंटरनेशनल फ्लाइंग राइट्स भी सस्पेंड कर दिया गया। साल 2014 में किंगफिशर 9000 करोड़ रुपए का लोन नॉन परफॉर्मिंग एसेट बन गया। कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। साल 2016 में एसबीआई समेत 13 बैंकों ने 9000 करोड़ रुपए का लोन लेकर विजय माल्या देश छोड़कर इंग्लैंड भाग गए। उसके बाद से उसके प्रत्यार्पण को लेकर मामले चल रहे हैं।

Bithday special one mistake of vijay mallya which destroyed the entire empire of theri businees

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Published On: Dec 18, 2024 | 05:00 AM

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