भारतपे (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : फिनटेक कंपनी भारतपे ने अपने पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बारे में बड़ा बयान दिया है। जिसमें कंपनी ने ये दावा किया है कि अब अशनीर किसी भी प्रकार से कंपनी का हिस्सा नहीं बनेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। आपको बता दें कि अशनीर ग्रोवर को मार्च 2022 में कंपनी के निदेशक मंडल ने भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटा दिया था। तभी से भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच में कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है।
भारतपे ने बयान में कहा, ‘‘ भारतपे ने अपने पूर्व को फाउंडर अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। कॉन्ट्रेक्ट के तहत ग्रोवर किसी भी क्षमता में भारतपे से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे।”
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समझौते के बाद, ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के लाभ के लिए ‘रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट’ को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे और उनके बाकी बचे शेयरों का मैनेजमेंट उनके फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। बयान में कहा गया, ‘‘ दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है। हम ग्रोवर को शुभकामनाएं देते हैं। भारतपे अपने व्यापारियों और ग्राहकों को उद्योग-अग्रणी सोल्यूशन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा। ”
दरअसल अशनीर ग्रोवर पर भारतपे के साथ 81 करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था। इसी कारण उन पर केस भी दर्ज किया गया था। जब अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर ने दिल्ली हाईकोर्ट से अमेरिका जाने की परमिशन मांगी थी, तब दिल्ली हाईकोर्ट ने सिक्योरिटी के रूप में उनसे ये रुपये जमा करवाने के लिए कहा था। लेकिन अब अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर भारत लौट आये हैं। उनके भारत लौटने के बाद जस्टिस संजीव नरूला ने कोर्ट में जमा किए पैसे को वापस करने का आदेश दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अशनीर ग्रोवर के वकील गिरिराज सुब्रमण्यम ने पैसा वापस मिलने की बात भी स्वीकारी थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)