मुंबई: भारत का पहला इंटीग्रेटेड ओमनीचैनल वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म ‘एयरपे’ (Airpay) देश-विदेश में विस्तार कर रहा है और डिजिटल इंडिया (Digital India) की सफलता में अपना योगदान दे रहा है। 400 से अधिक कर्मचारियों वाली लाभप्रद ‘एयरपे’ ने अब अपने वैकल्पिक ई-कॉमर्स मॉडल ‘एयरपे व्यापारी’ (Airpay Vyapari) के साथ भारत सरकार के ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ONDC) की भागीदार बन गयी है। ओएनडीसी का लक्ष्य डिजिटल कॉमर्स के क्षेत्र में वैसी ही क्रांति लाने का है, जैसी क्रांति यूपीआई (UPI) के आने से डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में हुई है।
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2022 में लॉन्च हुआ ओएनडीसी एक विकेन्द्रीकृत स्वदेशी मार्केट प्लेस है। इस भागीदारी और एयरपे की योजनाओं के संबंध में ‘एयरपे’ के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (CBO) सुलभ टंडन से वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज की विस्तृत चर्चा हुई। पेश हैं उसके मुख्य अंश :-
हमारे नेटवर्क से अब तक देश भर में छोटे किराना, पान, जनरल स्टोर सहित अन्य व्यवसाय वाले 5 लाख से अधिक दुकानदार जुड़ चुके हैं, जिन्हें हम ‘एयरपे व्यापारी’ कहते हैं। ये ‘एयरपे व्यापारी’ भारत के 36 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में 561 जिलों और 7,000 से अधिक गांवों में 6 करोड़ से अधिक ग्राहकों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। ओएनडीसी से जुड़ने पर इन छोटे व्यवसायियों को कमाई का एक अतिरिक्त जरिया उपलब्ध होगा। स्वरोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इससे एक व्यापक और गहन भारत के द्वार खुलेंगे और इसके ग्राहकों की सोच भी बड़ी होगी। दूसरी तरफ एयरपे व्यापार पोर्टल के जरिए ओएनडीसी तक पहुंचने से ‘एयरपे व्यापारी’ देश भर में अपने उत्पादों को बिक्री बढ़ाने और सही दाम पर माल खरीदने में सक्षम होंगे। जिससे उनकी कमाई और बढ़ेगी और वे मजबूत बन सकेंगे।
हम विभिन्न राज्य सरकारों से भी गठबंधन कर रहे हैं। इसी क्रम हमें हमने राजस्थान सरकार के साथ ई-मित्र के लिए समझौता किया है। इसके तहत राज्य सरकार की सभी जन सेवाएं ऑनलाइन एयरपे एप पर उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावा हम भोपाल मिल्क फेडरेशन के साथ समझौता कर उसके सभी दूध किसानों को डिजिटल बना रहे हैं। डिजिटल होने से उन्हें उनके दूध का पैसा समय पर मिलने लगा है।
यह सही है कि शहरों और गांवों, दोनों के समावेशी विकास से ही इंडिया ग्रोथ स्टोरी सफल हो सकती है। आज शहरी भारत में रहने वाले लोग ऑनलाइन खरीद कर खर्च कर रहे हैं। यानी डिजिटल हो गए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में केंद्रित बड़ी आबादी के विकास के लिए उन्हें भी डिजिटल बनाने की जरूरत है। ग्रामीण भारत अभी भी डिजिटल लेन-देन को लेकर सहज नहीं है और हमने इस चुनौती को महसूस किया है। इसलिए, हमने एक वैकल्पिक पेमेंट मॉडल तैयार किया है और एयरपे व्यापारियों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया है। इस नेटवर्क के जरिए हम सूक्ष्म उद्यमियों और आत्मनिर्भर व्यापार मालिकों की इस नई श्रेणी को सशक्त बना रहे हैं, ताकि वे सेवा से वंचित अपने ग्राहकों को औपचारिक वित्तीय उत्पाद प्रदान कर सकें।
डिजिटल साक्षरता का अभाव एक बड़ा कारण है क्योंकि देश के ग्रामीण इलाकों में लोग अभी भी नकदी को तरजीह देते हैं। इंटरनेट पर भरोसा कम है। इसके अलावा, पर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी एक और कारण है। साथ ही स्थानीय किराना दुकानों पर मर्चेंट कार्ड मशीनों की कमी भी है। इन मशीनों की ऊंची लागत भी एक बाधा है। इसलिए ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में डिजिटल पैठ बढ़ाने बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। हमारा इरादा एक वैकल्पिक मॉडल में काम करना है, जहां ग्रामीण भारत सुरक्षित और सहज महसूस करता है। लोगों को अपने लेन-देन और खरीदारी के लिए सहायक अनुभव प्रदान करने के लिए किसी पर भरोसा करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है, चाहे वह ऑनलाइन मोबाइल फोन खरीदना हो या बिलों का भुगतान करने के लिए हो। इसलिए हम अपने वैकल्पिक मॉडल में सहायकों (एयरपे व्यापारी) का निर्माण कर रहे हैं, ताकि लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था का अधिक सक्रिय हिस्सा बनने में मदद मिल सके।
भारत के तेजी से बढ़ते एकीकृत वित्तीय सेवा मंच के रूप में अपनी पहचान बनाने के बाद हम अफ्रीका और मध्य-पूर्व के देशों में विस्तार कर रहे हैं। हमें 2025 तक अपने रणनीतिक विदेशी कारोबार से 30 प्रतिशत तक राजस्व हिस्सेदारी की उम्मीद है। एयरपे ने हाल ही में अफ्रीकी देश तंजानिया में परिचालन शुरु किया है और वहां राष्ट्रपति के श्रम, आर्थिक और निवेश कार्यालय के मंत्रालय के साथ मिलकर तंजानिया में डिजिटल क्रांति लाने में मदद करेगी। हमने दुबई और सऊदी अरब में भी ऑफिस खोले हैं। इसके अलावा 3 और अफ्रीकी देशों में विस्तार के लिए बातचीत चल रही है।