अडानी पोर्ट्स ( सौजन्य : ट्विटर )
नई दिल्ली : अडानी कंपनी को मुथलप्पोझी बंदरगाह के पास जमा समुद्री कचरे को हटाने के लिए एक्सटेंशन मिल गया है। मंगलवार को केरल विधानसभा में एक विशेष प्रश्नकाल रखा गया था। इस प्रश्नकाल में कांग्रेस के विधायक सनीश कुमार जोसेफ ने केरल के बंदरगाह मंत्री वी एन वसावन से अडानी पोर्ट्स को दिए गए सरकारी कॉन्ट्रेक्ट के बारे में जवाब मांगा।
कांग्रेस विधायक के इस प्रश्न का जवाब देते हुए बंदरगाह मंत्री वी एन वसावन ने कहा है कि सरकार ने अडानी पोर्ट्स को मुथलप्पोझी बंदरगाह के समीप एक जलमार्ग में तलहटी से गाद व मिट्टी हटाने के लिए और इस कॉन्ट्रेक्ट को पूरा करने के लिए एक्सटेंशन दिया है। इस जगह पर पिछले कुछ सालों से लगातार नौका दुर्घटनाएं और लोगों की मौत हो रही है।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में 2018 में अदाणी पोर्ट्स के साथ एक समझौता किया था और समझौते की अवधि इस साल 11 जून को समाप्त हो गयी।
उन्होंने बताया कि हालांकि, कंपनी को काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है क्योंकि काम में विलंब हुआ है। जब विधायक सनीश कुमार जोसेफ (कांग्रेस) ने पूछा कि क्या सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रहने के लिए बंदरगाह प्राधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, इस पर मंत्री ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। वह मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन की अनुपस्थिति में उनकी तरफ से जवाब दे रहे थे।
वसावन ने कहा, ‘‘यह सच है कि अदाणी पोर्ट्स के साथ अनुबंध की अवधि खत्म हो गयी है। इसलिए, बंदरगाह प्रतिनिधियों और संबंधित मंत्रियों ने समयबद्ध तरीके से जलमार्ग से गाद और मिट्टी निकालने का काम पूरा करने के लिए चर्चा की तथा अतिरिक्त समय दिया है। वे अब अपना काम कर रहे हैं।”
जोसेफ ने कहा कि मुथलप्पोझी में स्थिति अत्यंत गंभीर है और 73 लोग वहां अपनी जान गंवा चुके हैं। तटीय बस्ती मुथलप्पोझी में हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में नौकाओं के डूबने से 70 से अधिक लोगों की मौत होने की खबरें हैं। मुथलप्पोझी में एक नदी और एक झील अरब सागर से मिलती है।
( एजेंसी इनपुट के साथ )