सोने-चांदी की भाव, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
9 Carat Gold Hallmarking: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हाल ही में 9 कैरेट सोने को हॉलमार्किंग सिस्टम में शामिल करने का फैसला किया है। अब फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ज्वेलर्स एसोसिएशन (FOAIJA) ने इस कदम को दूरदर्शी और कंज्यूमर्स के हित में बताया है। यह फैसला भारतीय सर्राफा बाजार में एक नई गहमागहमी को जन्म देगा।
इंडियन ज्वेलर्स फोरम और गोल्ड ज्वेलर्स ट्रेड एसोसिएशन का मानना है कि 24 और 22 कैरेट सोने की कीमतों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के इस तरह का कदम आम लोगों को सस्ता विकल्प उपलब्ध कराएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और नकली या मिलावटी धातु वाले गहनों पर पूरी तरह से लगाम लगेगी।
इंडियन स्टैंडर्ड ब्यूरो यानी की बीआईएस के मुताबिक, ग्राहकों को 22 और 18 कैरेट के मुकाबले बेहद ही कम कीमतों में हॉलमार्क के साथ गहनों का विकल्प मिलेगा। इससे बाजार के अंदर अधिक मात्रा में बिक रही नकली या निम्न-गुणवत्ता के आभूषणों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही खुले बाजार में गैर-कानूनी गहनों की बिक्री पर रोक लगाया जा सकेगा।
दिल्ली के प्रमुख ज्वेलर और डिजाइनर भावेश अग्रवाल का कहना है कि अब हम 9 कैरेट में हल्के डिजाइन और वॉल्यूम-आधारित कलेक्शन पर काम कर सकते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी लो-कॉस्ट हॉलमार्क गहनों का ट्रेंड बढ़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र को नई गतिशीलता मिलेगी। बता दें कि भारत में अब तक केवल 24 कैरेट, 23 कैरेट, 22 कैरेट, 20 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट सोने के लिए ही हॉलमार्किंग की अनुमति थी। बीआईएस हॉलमार्क सोने की शुद्धता (प्रति हज़ार भागों में मापी गई) को प्रमाणित करता है और बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करता है।
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हॉलमार्किंग लिस्ट में 9 कैरेट सोने (Gold) के न होने से ज्वेलर्स के लिए सरकार समर्थित प्रमाणन के साथ कम शुद्धता वाले, किफ़ायती विकल्प बेचने की क्षमता सीमित हो गई थी। अब यह कमी पूरी हो गई है। यह बदलाव जून में सोने की बिक्री में 60 प्रतिशत की भारी गिरावट के बाद आया है, जो कोविड-19 महामारी के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।