समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में तेजस्वी यादव की रैली में बोले छोटे बच्चे का वीडियो वायरल (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Elections: बिहार चुनाव 2025 का पहले चरण का चुनाव प्रचार पूरे जोर के साथ समाप्त हो गया है। बीती शाम प्रचार अभियान बंद हो गया और कल पहले चरण के मतदान के दिन है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ जहां समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में तेजस्वी यादव की रैली का इंतजार हो रहा था। मंच सजा था, लेकिन तेजस्वी के आने से पहले ही यहां एक छोटे बच्चे ने माइक थाम लिया। उसने जो कहा, वह कोई कविता नहीं, बल्कि 90 के दशक के ‘जंगलराज’ की सीधी तस्वीर थी। बच्चे की जुबान से ‘कट्टा’ और ‘गोली’ की बातें सामने हजारों की भीड़ सुन रही थी, और इसको भाजपा ने भी अपने निशाने पर लेते हुए यह पीएम मोदी की जंगलराज की चेतावनियों को वापस बल देने का काम किया।
समस्तीपुर के मोहनपुर स्थित जीएमआरडी कॉलेज मैदान में तेजस्वी के मंच से बच्चे ने कहा, ‘बउआ हम्मर चलावल गोली, तेजस्वी भैया के बोलल बोली… कहियो ना खाली जाय छैय हो।’ उसने आगे कहा, ‘बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे।’ इसका सीधा मतलब था कि तेजस्वी के सीएम बनते ही लाठी की जगह कट्टा हाथ में होगा और तब उन्हें ‘गंवार’ नहीं ‘रंगदार’ कहा जाएगा।
बउआ हम्मर चलावल गोली,
तेजस्वी भैया के बोलल बोली,
कहियो ना खाली जाय छैय हो। गे छउड़ी गे लाठिया ले के घुमछी त कहय छही गवार गे,
बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे। सुनिए, ये बात समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर विधानसभा के मोहनपुर में तेजस्वी यादव के आने… pic.twitter.com/T1OcN1nhdP — BJP (@BJP4India) November 4, 2025
यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन बयानों को ताजा कर देती है, जिसमें वे ‘जंगलराज’ के डर की चेतावनी देते रहे हैं। पीएम मोदी ने हाल ही में मुजफ्फरपुर और आरा की रैलियों में आरजेडी और कांग्रेस पर इसी ‘कट्टा कल्चर’ को लेकर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि राजद ने अपनी बात मनवाने के लिए कनपटी पर कट्टा रख दिया था। उन्होंने दावा किया कि आज बिहार में एनडीए का सुशासन बनाम जंगलराज का कुशासन का मुकाबला है। पीएम मोदी के ये शब्द सिर्फ राजनीतिक तीर नहीं थे, बल्कि बिहार की जनता को सचेत करने वाली घंटी थी। मोहनपुर के मंच से निकली यह आवाज अनजाने में ही सही, लेकिन उसी डर को सच साबित करती दिख रही है।
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तेजस्वी यादव अपनी सभाओं में भीड़ जुटा रहे हैं और बड़े वादे कर रहे हैं। लेकिन जब उनके ही मंच पर, हजारों लोगों के सामने, एक बच्चा कलम की जगह कट्टे की धमकी दे, तो इसका अच्छा असर नहीं पड़ता। यह सवाल उठता है कि आरजेडी जब सत्ता में आई, तब क्या बच्चों को कलम की जगह कट्टा पकड़ाई? बिहार की जनता अब समझदार हो चुकी है। बिहार का युवा आज विकास और रोजगार मांग रहा है। इस घटना से साफ लगता है कि शायद महागठबंधन ने पुराने सबक नहीं सीखे हैं। अब इस ‘कट्टा वार’ का जनता पर कितना असर होता है, यह तो 14 नवंबर को चुनावी नतीजों से ही साफ होगा।