फाइल फोटो- राहुल गांधी
Rahul Gandhi’s Bihar Padyatra: आंदोलनों की ऐतिहासिक भूमि बिहार में राहुल गांधी चुनाव आयोग के खिलाफ ‘वोट अधिकार यात्रा’ के जरिए जन आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में हैं। इसमें उनके साथ तेजस्वी यादव भी होंगे। यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी काफी अहम है। पिछले 20 साल से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जमे सियासी बाजीगर नीतीश कुमार और भाजपा के गठजोड़ के खिलाफ इस यात्रा में माहौल बनाया जाएगा। 19 दिनों की पद यात्रा के बाद पटना में ‘INDIA’ गठबंधन के एक बड़ी रैली करेगा। इस रैली में देश कई राज्यों के बड़े नेता शिरकत करेंगे।
17 अगस्त से शुरू होने वाली महागठबंधन की वोट अधिकार यात्रा में राजद, कांग्रेस, लेफ्ट व VIP पार्टी अहम भूमिका होगी। राहुल गांधी के नेतृत्व में यह यात्रा 23 जिलों की 50 विधानसभा सीटों से गुजरेगी। यात्रा का लक्ष्य चुनाव आयोग द्वारा कथित वोट चोरी को उजागर करना और महागठबंधन के पक्ष में चुनावी माहौल बनाना है।
बिहार में इससे पहले राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले भारत जोड़ो यात्रा की थी। इसका असर लोकसभा चुनाव के परिणामों दिखा था। राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा के तहत 5 बिहार में चले थे। इसमें उन्होंने किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, औरंगाबाद, सासाराम और कैमूर को कवर किया था। इन 6 लोकसभा सीटों में से 5 पर महागठबंधन के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर की थी। यहां विधानसभा की 30 सीटें आती हैं, जहां कांग्रेस ज्यादा फोकस कर सकती है। वही लोकसभा चुनाव वाली रणनीति से एक बार फिर राहुल गांधी-तेजस्वी यादव ने बिहार फतह कोशिश करेंगे।
17 अगस्त को रोहतास से यात्रा शुरू होगी और पटना में रैली के साथ 1 सितंबर को खत्म हो जाएगी। रोहतास और पटना के बीच में पड़ने वाले 21 जिलों से होकर यह यात्रा गुजरेगी। रास्ते में 50 विधानसभा सीटे हैं। इन 50 विधानसभा सीटों में ज्यादातर सीटें NDA के कब्जे में हैं। उसमें भी भाजपा के सबसे अधिक हैं।
तेजस्वी-राहुल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान
कांग्रेस-राजद द्वारा यात्रा के लिए सेलक्ट किए गए रूट को देखें तो ऐसा लगता है कि भाजपा के गढ़ में बड़ी सेंध मारी की तैयारी है। क्योंकि जिन विधानसभाओं से यात्रा गुजरेगी उसमें सबसे ज्यादा 22 सीटें 2020 के चुनाव में भाजपा ने जीती हैं। इसके अलावा-JDU की 6, RJD-10, कांग्रेस की 7 और 2 लेफ्ट विधायकों की विधानसभा क्षेत्र से यात्रा निकलेगी। यात्रा से स्पष्ट है कि महागठबंधन के निशाने पर नीतीश कुमार से ज्यादा भाजपा पर है। अगर भाजपा हराने में कामयाब हुए तो चुनाव पलट जाएगा।
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यात्रा के दौरान महागठबंधन के मुस्लिम-यादव वोटरों को छोड़कर अन्य ईबीसी व ओबीसी जाति के वोटरों पर विशेष तौर पर टारगेट किया जाएगा। यात्रा में मुकेश सहनी के चेहरे पर ईबीसी वोटरों को महागठबंधन की तरफ मोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। ये बात पहले भी राहुल गांधी तेजस्वी यादव को बोल चुके हैं कि महागठबंधन के पास यादव-मुस्लिम तटस्थ वोटर हैं। इसके अलावा पिछड़ी जातीयों के अन्य वोटरों को जोड़ने की हर कोशिश करना चाहिए।