कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)
Prashant Kishore Statement: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज़ हो गई है। बुधवार, 9 जुलाई को महागठबंधन ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध में बिहार बंद का ऐलान किया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव भी पटना में बिहार बंद के समर्थन में शामिल हुए।
विपक्ष मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ एकजुट होकर अपनी एकता दिखाना चाहता था। लेकिन जो तस्वीरें आईं, वे इसके बिल्कुल उलट थीं। विरोध प्रदर्शन के दौरान कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने से रोक दिया गया। अब सामने आई इन तस्वीरों ने बिहार में राजनीतिक बहस को गरमा दिया है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस को बिहार में राजद की कठपुतली पार्टी बताया है। कन्हैया कुमार के बारे में उन्होंने कहा कि राजद नहीं चाहती कि बिहार में कोई भी कांग्रेस नेता सक्रिय हो जो राजद को चुनौती दे सके।
प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘कन्हैया कुमार बिहार में कांग्रेस पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि बिहार में कांग्रेस के सभी नेताओं में अगर किसी में प्रतिभा है, तो वह कन्हैया कुमार हैं। अगर कांग्रेस बिहार में उनका इस्तेमाल नहीं कर रही है, तो इससे पता चलता है कि कांग्रेस बिहार में राजद की पिछलग्गू पार्टी है।
#WATCH सीतामढ़ी, बिहार: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, “…कन्हैया कुमार बिहार में कांग्रेस पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं…राजद का नेतृत्व कन्हैया कुमार जैसे लोगों से इतना घबराता है कि उन्हें लगता है कि अगर कोई नया व्यक्ति आ जाएगा, तो वह… pic.twitter.com/47VEZfSN2C — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2025
उन्होंने आगे कहा, ‘राजद नेतृत्व कन्हैया कुमार जैसे लोगों से इतना डरा हुआ है कि उन्हें लगता है कि अगर कोई नया व्यक्ति आता है, तो वह नेतृत्व को चुनौती देगा। राजद कभी नहीं चाहेगा कि उनके जैसे नेता या अन्य प्रभावशाली नेता कांग्रेस में सक्रिय हों। कांग्रेस का बिहार में कोई आधार नहीं है। बिहार में कांग्रेस वही करती है जो राजद नेतृत्व तय करता है।’
पीके ने आरोप लगाया कि कन्हैया कुमार के गाड़ी में न चढ़ने का मुख्य कारण राजद है। उन्होंने कहा कि राजद नेतृत्व ने ही कहा होगा कि कन्हैया कुमार को इस गाड़ी में नहीं बैठना चाहिए। कन्हैया कुमार कांग्रेस कार्यसमिति में आमंत्रित सदस्य हैं और उन्हें गाड़ी में नहीं चढ़ने दिया जा रहा है। यह बिहार में कांग्रेस की हालत दर्शाता है।
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बता दें कि बुधवार को पटना में ‘बिहार बंद’ रैली के दौरान कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को खुले ट्रक में बने अस्थायी मंच पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई थी। यह रैली विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ महागठबंधन के विरोध का हिस्सा थी।