बिहार के मॉडल अस्पताल में बत्ती गुल
Bihar Hospital Viral Video: बिहार के गोपालगंज का सदर अस्पताल इन दिनों एक अजीब स्थिति में है, जहां अस्पताल की आलीशान इमारत और महंगी मशीनें तो हैं, लेकिन बिजली की नियमित और मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पाई है। यही वजह है कि अस्पताल में अक्सर बिजली चली जाती है, जिससे डॉक्टरों को अंधेरे में मरीजों का इलाज करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस स्थिति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल के कई हिस्सों में बिजली न होने के कारण अंधेरा छाया हुआ है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि सदर अस्पताल का बड़ा और आलीशान भवन जब अंधेरे में डूबा था, तब ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी अपने मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में इलाज कर रहे थे। मरीज और उनके परिजन भी अंधेरे में परेशान थे, और इलाज में बाधा आ रही थी। इस स्थिति के कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों को खासा कष्ट उठाना पड़ रहा है।
यह मामला हाल ही में सामने आया है, जब अस्पताल में बिजली कई घंटों तक चली गई और अस्पताल का सारा काम ठप हो गया। यह घटना इस सप्ताह में दूसरी बार हुई है, जब अस्पताल में बिजली के न होने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। इमरजेंसी वार्ड से लेकर महिला और बच्चों के वार्ड तक में कई मरीज भर्ती थे, लेकिन बिजली के अभाव में इनका इलाज सुचारू रूप से नहीं हो पाया। जनरेटर की व्यवस्था की कमी और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का अभाव अस्पताल के लिए गंभीर समस्या बन चुका है।
एक मरीज के परिजन, इरफान अली गुड्डू ने बताया कि जब वे अपने परिजन को गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल लेकर आए, तो यहां बिजली नहीं थी। अंधेरे में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज कर रहे थे। इरफान ने कहा, “मॉडल अस्पताल में करोड़ों की लागत से आलीशान भवन तो बना दिया गया है, लेकिन बिजली की व्यवस्था नहीं की गई। डॉक्टर टॉर्च की रोशनी में पर्ची लिख रहे थे, और मरीजों को इंजेक्शन भी दिया जा रहा था।”
गोपालगंज :- कागजों में मॉडल अस्पताल, हकीकत में अंधेरे का इलाज। गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बिजली गुल, करीब एक घंटे तक अंधेरे में इलाज। डॉक्टरों ने मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में मरीजों को देखा, जेनरेटर से भी नहीं मिली बिजली – पूरा सिस्टम फेल@mangalpandeybjp pic.twitter.com/EwcLlEEKqv — RABISHPOST (@rabishpost) December 21, 2025
एक अन्य मरीज के परिजन, बसंत सिंह ने भी बताया कि उन्होंने कुछ देर पहले ही अस्पताल में एंट्री की थी, और जैसे ही वे पहुंचे, बत्ती चली गई। हालांकि, अस्पताल के तकनीशियन बिजली ठीक करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार बिजली के चले जाने से डॉक्टरों को मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में काम करना पड़ा।
इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि गोपालगंज का यह मॉडल अस्पताल बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले में स्थित है। ऐसे में गोपालगंज के इस मॉडल अस्पताल की हालत चौंकाने वाली है, क्योंकि यह अस्पताल राज्य के उच्च अधिकारियों के घर के पास है और फिर भी बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं की व्यवस्था नहीं की जा सकी।
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बिहार सरकार को अब इस अस्पताल की स्थिति पर गंभीरता से विचार करना होगा। एक अस्पताल, जो दूसरों का इलाज करता है, उसे खुद के इलाज की जरूरत है। अगर अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी रहेगी, तो यह कैसे अपेक्षाएं पूरी करेगा और मरीजों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा?