चिराग पासवान (कॉन्सेप्ट फोटो)
Chirag Paswan Statement on Deputy CM Post: बिहार चुनाव में पहले चरण की बंपर वोटिंग के बाद सियासी हलचल है। सभी दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इसी गहमागहमी के बीच, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसने एनडीए के भीतर नई चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने अपनी एक बड़ी सियासी ख्वाहिश को खुलकर जाहिर कर दिया है, लेकिन यह उनकी अपनी के लिए नहीं है। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। आखिर क्या है चिराग की यह चाहत जिसने सबको चौंका दिया है?
न्यूज 18 इंडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने अपने इरादे साफ कर दिए। उन्होंने कहा, “अगर एनडीए की सरकार बनती है, तो मैं डिप्टी सीएम बनने की इच्छा नहीं रखता।” लेकिन इसके फौरन बाद उन्होंने अपनी असली मांग सामने रख दी। चिराग ने कहा कि अगर मौका मिला, तो वे अपनी पार्टी (LJP-R) से किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम जरूर बनाना चाहेंगे। यह बयान एनडीए पर पहले चरण के बाद ही एक तरह का रणनीतिक दबाव माना जा रहा है।
चिराग पासवान ने यह भी साफ किया कि 2025 में नीतीश कुमार ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि वे खुद इस रेस में नहीं हैं, बल्कि उनकी नजर 2030 पर है। उन्होंने कहा कि वे आगे भी बिहार के लिए ही काम करेंगे और यहीं रहेंगे। लोजपा (रामविलास) प्रमुख ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें सबसे ज्यादा राजनीतिक सलाह अपनी मां से मिलती है, जो पहले उनके पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान को भी सलाह दिया करती थीं। उन्होंने बताया कि वे खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सीटों के बंटवारे में देरी के कारण समय कम पड़ गया।
यह भी पढ़ें: PM की कनपटी पर कट्टा लगाओ… खेड़ा ने ऐसा खदेड़ा कि सुलग उठी बिहार की सियासत; दे दिया फाइनल जवाब
यह चुनाव चिराग पासवान के लिए बेहद निर्णायक है, जिनकी पार्टी 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने काफी मशक्कत के बाद बीजेपी को इतनी सीटों पर राजी किया था। पहले चरण में हुई बंपर वोटिंग ने इस निर्णायक चुनाव में हलचल और तेज कर दी है। इसी वोटिंग को लेकर पीएम मोदी ने भी एक जनसभा में कहा कि इसने ‘जंगलराज’ के नेताओं को 65 वोल्ट का झटका दिया है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता ने ‘जंगल राज’ की राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है। युवाओं ने विकास और एनडीए पर भरोसा जताते हुए वोट किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि बिहार अब बदलाव और स्थिर सरकार का पक्षधर है।