नितिन नवीन (डिजाइन फोटो)
पटनाः बिहार में 6 महीने बाद चुनाव होने वाले हैं। जैसा कि भारत में हर चुनाव से पहले देखने को मिलता है कि सरकारें चुनाव से पहले परियोजनाओं के ताबड़तोड़ उद्घाटन और शिलान्यास में तल्लीन हो जाती है। यहां नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार भी कुछ ऐसा ही कर रही है। लेकिन तीन दिन पहले नीतीश कुमार द्वारा लोकार्पित जेपी सेतु में दरार आने के बाद बवाल मच गया है।
बिहार की राजधानी पटना स्थित गंगा पथ (मरीन ड्राइव) में हल्की दरार दिखाई देते ही हड़कंप मच गया। पुल में दरार दिखाई देने के बाद राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। बीएसआरडीसी के इंजीनियरों की टीम दीदारगंज पहुंच गई है। इस दौरान बिहार राज्य सड़क विकास निगम (बीएसआरडीसी) के एमडी शीर्षत कपिल अशोक भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा, ‘हमारे पुल के स्ट्रक्चर और उसके एप्रोच रोड के बीच गैप को लोग दरार समझ रहे थे। गैप मौसम के हिसाब से दोनों स्ट्रक्चर के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए रखा जाता है। हमने विभागीय स्तर पर इसकी जांच कराने का फैसला किया है। गंगा पथ परियोजना का आईआईटी जैसी संस्था से थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराया जाएगा। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। वाहनों की आवाजाही जारी है और गैप को इंजीनियरों की टीम ने भर दिया है।’
पुल में दरार पर बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने सफाई देते हुए कहा, ‘दरार की जानकारी मिली है, उनके विभाग के लोगों ने निरीक्षण किया। पुल में कहीं कोई दरार नहीं है। मैं मंगलवार को खुद पुल का निरीक्षण करूंगा। विभाग को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दो पिलर के जोड़ के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।’
आपको बता दें कि अभी तीन दिन पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने जेपी गंगा पथ (जेपी सेतु) का उद्घाटन किया था। लेकिन तीन दिन के अंदर ही इस पुल में बड़ी-बड़ी दरारें दिखने लगी हैं। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुल पर आई दरार को साफ देखा जा सकता है। आपको बता दें कि इस पुल को तैयार करने में 3831 रुपये खर्च हुए हैं। ये दरारें दीदारगंज के पास पुल के पिलर संख्या ए-3 के पास दिखाई दे रही हैं। ये दरारें पुल के दोनों लेन में दिखाई दे रही हैं।
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इतनी लागत से बने पुल में दरार आने के बाद माना जा रहा है कि ऐसी घटनाओं का चुनावी समय में सामने आना बिहार में एनडीए को नुकसान पहुंचा सकती हैं। क्योंकि तीन दिन के अंदर अगर किसी बड़े प्रोजेक्ट में खामी आती है तो लोग इसका सीधा कनेक्शन भ्रष्टाचार से जोड़ते हैं। वहीं, बिहार में विपक्षी पार्टियां भी इसे मुद्दा बना सकती हैं।