महागठबंधन ने एक-दूसरे के खिलाफ ही उतार दिए उम्मीदवार (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Mahagathbandhan Conflict Shown: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की राह मुश्किल दिख रही है। सीटों का बंटवारा अभी तक सुलझा नहीं है और सहयोगी दल ही आपस में भिड़ गए हैं। सबसे बड़ी लड़ाई RJD और कांग्रेस के बीच दिख रही है, जिन्होंने कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इससे कार्यकर्ताओं में भारी असमंजस है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे किसका प्रचार करें और किसका नहीं। यह स्थिति गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
यह विवाद सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि नामांकन तक पहुंच गया है। वैशाली विधानसभा सीट पर कांग्रेस के संजीव कुमार ने 15 अक्टूबर को पर्चा भरा, तो दो दिन बाद ही RJD के अजय कुशवाहा ने भी उसी सीट से नामांकन कर दिया। दोनों दलों ने अपने-अपने सिंबल दे दिए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार संजीव कुमार ने साफ कह दिया है कि वे किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। यह खुली बगावत अब गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रही है।
वैशाली के अलावा लालगंज सीट पर भी RJD और कांग्रेस में सीधा टकराव है। यहां राजद ने बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने आदित्य कुमार राजा को अपना प्रत्याशी बनाया है। आदित्य के नामांकन के दौरान सांसद पप्पू यादव की मौजूदगी ने इस मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। यह लड़ाई सिर्फ RJD और कांग्रेस तक ही सीमित नहीं है। दरभंगा की गौरा बौराम सीट पर भी महागठबंधन में पेंच फंसा हुआ है। यहां RJD के अफजल अली खान ने पर्चा भरा है, तो वहीं VIP पार्टी के संतोष साहनी ने भी नामांकन किया है, जो मुकेश साहनी के भाई हैं।
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गठबंधन की यह दरार और भी गहरी है। समस्तीपुर की रोसरा सीट पर CPI के लक्ष्मण पासवान का मुकाबला कांग्रेस के वी. के. रवि से है। बेगूसराय की बछवारा सीट पर भी कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीबदास के सामने की (किसान इन्सान पार्टी) के अवधेश कुमार राय ने नामांकन किया है। इतना ही नहीं, कहलगांव सीट पर भी RJD ने रजनीश यादव को और कांग्रेस ने प्रवीण कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है, जहां 20 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तारीख है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सीट बंटवारे में तालमेल की यह कमी और क्षेत्रीय नेताओं की महत्वाकांक्षा महागठबंधन की एकता को कमजोर कर रही है। अगर यह स्थिति बनी रही, तो विपक्षी गठबंधन को इन क्षेत्रों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।