बिहार विधानसभा चुनाव 2025, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर रिकॉर्ड 64.46% वोटिंग हुई। अगर 11 नवंबर के दिन दूसरे और आखिरी फेज की 122 सीटों पर मतदान का ट्रेंड ऐसा ही रहा, तो यह बिहार की राजनीति को पूरी तरह बदल सकती है। आंकड़े देखने के बाद ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। 64.46% वोटिंग एक रिकॉर्ड है। 2020 चुनाव के पहले फेज में केवल 55.68% वोटिंग हुई थी, हालांकि तब चुनाव 3 चरणों में हुआ था और पहले चरण में सिर्फ 71 सीटें थीं।
स्वतंत्रता के बाद हुए कुल 17 विधानसभा चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि जब-जब बिहार में 5 प्रतिशत से ज्यादा मतदान बढ़ा या घटा, तो राज्य में सत्ता परिवर्तन ही नहीं, सियासी दौर भी बदलते देखा गया। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार सत्ता तो नहीं, लेकिन सियासत पूरी तरह बदल सकती है।
| वर्ष | वोटिंग (%) | घटा-बढ़ा | सत्ता किसे मिली |
|---|---|---|---|
| 1952 | 39.5 | — | कांग्रेस |
| 1957 | 41.3 | +1.8 | कांग्रेस |
| 1962 | 44.5 | +3.2 | कांग्रेस |
| 1967 | 51.5 | +7.0 | सत्ता बदली – JKD |
| 1969 | 52.8 | +1.3 | अस्थिर सरकार |
| 1972 | 52.8 | 0.0 | कांग्रेस |
| 1977 | 59.0 | +6.2 | जनता पार्टी / आपातकाल बाद |
| 1980 | 57.3 | -1.7 | सत्ता बदली – कांग्रेस |
| 1985 | 56.3 | -1.0 | कांग्रेस |
| 1990 | 62.0 | +5.8 | सत्ता बदली – जनता दल |
| 1995 | 61.8 | -0.2 | सरकार स्थिर – RJD |
| 2000 | 62.6 | +0.8 | RJD |
| 2005 | 46.5 | -16.1 | सत्ता बदली – JDU-BJP |
| 2010 | 52.7 | +6.2 | JDU-BJP |
| 2015 | 56.7 | +4.0 | JDU-RJD |
| 2020 | 57.3 | +0.6 | JDU-BJP |
(सोर्स- भारत निर्वाचन आयोग)
1967 में हुए विधानसभा चुनाव में वोटिंग में 7% की बढ़ोतरी हुई थी। तब राज्य में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। हालांकि, सरकार अस्थिर रही। महामाया प्रसाद सिन्हा मुख्यमंत्री बने। जन क्रांति दल और शोषित दल ने कांग्रेस के वर्चस्व को तो तोड़ा, लेकिन अपनी एकजुटता नहीं रख पाए। कांग्रेस सरकार में आती-जाती रही। इस चुनाव के बाद कांग्रेस के कमजोर होने की शुरुआत हुई।
1980 के विधानसभा चुनाव में 6.8% ज्यादा मतदान हुआ था। तब कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में लौटी और जगन्नाथ मिश्र मुख्यमंत्री बने। उस वक्त जनता पार्टी के आपसी टकराव में कांग्रेस ने उसके हाथ से सत्ता छीन ली थी। हालांकि कांग्रेस के अंदर की राजनीति के कारण 10 साल में ही कांग्रेस का शासन खत्म हो गया।
1990 के चुनाव में 5.8% ज्यादा मतदान हुआ और कांग्रेस राज्य की सत्ता से बेदखल हो गई। जनता दल की सरकार बनी। लालू यादव मुख्यमंत्री बने। इसके बाद राज्य की राजनीति में मंडल की ऐसी छाप पड़ी कि कांग्रेस दोबारा अब तक वापसी नहीं कर पाई। लालू यादव ने बिहार की पूरी राजनीति को बदल दिया और 15 साल तक राज किया।
ये भी पढ़ें: Bihar Election: बिहार ने रचा इतिहास…पहले चरण में टूटा 75 साल का रिकॉर्ड, 12 प्वाइंट्स में समझें
2005 के विधानसभा चुनाव में 16.1% कम वोटिंग हुई। हालांकि, इस चुनाव में लालू-राबड़ी के शासन का अंत हो गया। बिहार को नीतीश कुमार के रूप में नया मुख्यमंत्री मिला। इस बार सत्ता का बदलाव कम वोटिंग से हुआ था। नीतीश कुमार ने सुशासन की छवि बनाई और 20 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं।