अमौर विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
Amour Assembly Constituency: बिहार चुनाव को लेकर चल रही चुनावी गहमा-गहमी के बीच हम विधानसभावार विश्लेषण लेकर आप तक पहुंच रहे हैं। इस कड़ी में अगला नंबर उस विधानसभा सीट का है जहां मुस्लिम वोटर्स किसी भी उम्मीदवार का भविष्य तय करते हैं।
बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित अमौर विधानसभा क्षेत्र, किशनगंज लोकसभा का अहम हिस्सा है। इसमें अमौर और बैसा प्रखंड शामिल हैं। 1951 में अस्तित्व में आई इस सीट का भूगोल और जनसांख्यिकी इसे बिहार की सबसे दिलचस्प चुनावी सीट में से एक बनाते हैं।
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले की सीमा पर बसा अमौर, अपनी उपजाऊ जमीन और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है। यहां धान, गेहूं, मक्का और जूट की खेती प्रमुख है, जबकि चावल मिल और जूट प्रसंस्करण इकाइयां भी यहां छोटे स्तर पर रोजगार का साधन हैं।
अमौर विधानसभा पूर्णिया जिला मुख्यालय से 32 किमी, किशनगंज से 50 किमी, और कटिहार से लगभग 60 किमी दूर है। सड़क मार्ग से जुड़ाव अच्छा है और यह क्षेत्र सीमांचल के व्यापारिक व सांस्कृतिक संपर्क बिंदुओं में से एक है। यह भी इसकी एक खासियत है।
1951 से अब तक अमौर में 18 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि केवल एक बार, 1977 में जनता पार्टी के चंद्रशेखर झा के रूप में एक गैर-मुस्लिम उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यहां 8 बार जीत चुकी है, निर्दलीय उम्मीदवार 4 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 2 बार, जबकि जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, भाजपा और एआईएमआईएम ने एक-एक बार बाजी मारी है। 2020 में एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान ने इस सीट पर ऐतिहासिक जीत हासिल की, जो अमौर में पार्टी की पहली सफलता थी।
अमौर में मुस्लिम मतदाता बहुमत में हैं, और अब तक के नतीजे बताते हैं कि यह सीट मुस्लिम नेतृत्व के इर्द-गिर्द ही घूमती है। यही कारण है कि सभी प्रमुख दल यहां मुस्लिम उम्मीदवार ही उतारते हैं। 1977 के अपवाद को छोड़कर बाकी सभी चुनाव मुस्लिम नेताओं ने जीते हैं।
बाढ़, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी यहां के बड़े मुद्दे हैं। ग्रामीण इलाकों में सड़क और सिंचाई व्यवस्था सुधारने की मांग लंबे समय से उठ रही है। मतदाता अब सिर्फ जाति और धर्म पर नहीं, बल्कि विकास के वादों पर भी नजर रख रहे हैं। 2025 के चुनाव में अगर मुस्लिम वोट एकजुट रहे, तो एआईएमआईएम के लिए सीट बचाना आसान होगा, लेकिन अगर महागठबंधन और एनडीए उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे, तो नतीजा पलट सकता है।
2024 के आंकड़ों के अनुसार, अमौर विधानसभा क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या 5,45,249 है, जिनमें 2,80,052 पुरुष और 2,65,197 महिलाएं शामिल हैं। इस सीट पर कुल 3,24,576 मतदाता हैं, जिनमें 1,68,179 पुरुष, 1,56,384 महिलाएं और 13 थर्ड जेंडर हैं।
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2020 में एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान ने मुस्लिम वोट बैंक की एकजुटता के दम पर जीत दर्ज की। हालांकि, 2025 में तस्वीर बदल सकती है क्योंकि एनडीए इस सीट को जीतने के लिए आक्रामक रणनीति बना रही हैं। लेकिन यहां क्या कुछ होता है इसका जवाब तो 14 नवंबर को ही मिल पाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)