EV को लेकर यूपी की नई पॉलसी। (सौ. Pixabay)
Uttar Pradesh EV Policy: उत्तर प्रदेश सरकार अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति में अहम बदलाव करने जा रही है। नई नीति के तहत अब केवल प्रदेश में निर्मित EV पर ही सब्सिडी दी जाएगी। इस प्रस्ताव को शासन के पास भेजा गया है और अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। उम्मीद है कि यह नियम 14 अक्टूबर 2025 से लागू होगा, जब 2022 में लागू हुई ईवी नीति के तीन साल पूरे हो जाएंगे। इस कदम से न सिर्फ राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
वर्ष 2022 में लागू हुई यूपी की ईवी नीति ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी की। इसके तहत दोपहिया, चौपहिया, ई-बस और ई-गुड्स कैरियर पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया था। अब तक 17,665 वाहन मालिकों को लगभग 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है। सिर्फ अप्रैल 2024 से अब तक 40 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
इसके अलावा, सरकार ने ईवी खरीद पर शत-प्रतिशत टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट दी थी। जिन उपभोक्ताओं ने यह शुल्क जमा किया था, उन्हें बाद में रिफंड भी किया गया।
फिलहाल करीब 38,285 आवेदन लंबित हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTOs) को सक्रिय कर इनका जल्द निपटारा करने की कोशिश की जा रही है।
परिवहन आयुक्त बी.एन. सिंह के अनुसार, “यूपी में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने से बड़ी कंपनियां यहां विनिर्माण इकाइयां स्थापित करेंगी। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”
नई नीति का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि प्रदेश को ईवी उत्पादन का हब बनाया जा सकेगा। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राजस्व में वृद्धि और आत्मनिर्भर यूपी का सपना भी साकार होगा।
ये भी पढ़े: छोटी कारों पर GST कटौती से इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार सकती थम, रिपोर्ट में जताई गई चिंता
2022 की नीति ने तीन साल तक टैक्स और पंजीकरण शुल्क पर छूट देकर बिक्री को रफ्तार दी। अब सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का केंद्र बनाया जाए। अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर पर अंतिम चर्चा जारी है और 14 अक्टूबर 2025 से यह नियम प्रभावी हो सकता है।