Tata Motors का क्या हुआ। (सौ. Tata)
Tata Motors JLR: ब्रिटेन में हुए साल 2025 के सबसे बड़े साइबर अटैक ने टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर (JLR) को भारी नुकसान पहुंचाया है। कंपनी का प्रोडक्शन पूरे छह हफ्तों तक ठप रहने के बाद आज 8 अक्टूबर से दोबारा शुरू हो रहा है। हालांकि, इस दौरान JLR को बिक्री और राजस्व दोनों में बड़ी गिरावट झेलनी पड़ी।
टाटा मोटर्स के अनुसार, JLR ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) में 66,165 यूनिट्स की होलसेल बिक्री दर्ज की है, जो पिछले साल और पिछली तिमाही की तुलना में 24.2% कम है। कंपनी ने साफ किया कि यह गिरावट सितंबर की शुरुआत में हुए साइबर अटैक की वजह से हुई, जिसके चलते उत्पादन पूरी तरह रुक गया था।
इसके साथ ही, पुराने जैगुआर मॉडलों का प्रोडक्शन भी धीरे-धीरे बंद किया जा रहा था ताकि नए मॉडलों के लिए जगह बनाई जा सके। वहीं, अमेरिका में बढ़े हुए टैरिफ ने भी JLR के एक्सपोर्ट पर असर डाला। दूसरी तिमाही में रेंज रोवर, रेंज रोवर स्पोर्ट और डिफेंडर जैसे प्रीमियम मॉडल्स ने कुल बिक्री में 76.7% का योगदान दिया, जो पिछली तिमाही (77.2%) से थोड़ा कम है, लेकिन पिछले साल (67%) की तुलना में बेहतर है।
JLR की दूसरी तिमाही में रिटेल सेल्स 85,495 यूनिट्स रही, जो साल-दर-साल 17.1% कम और पिछली तिमाही से 8.7% घट गई। सभी प्रमुख बाजारों में गिरावट दर्ज की गई:
यूके में बिक्री घटने का मुख्य कारण पुराने जैगुआर मॉडलों का बंद होना और साइबर अटैक रहा। वहीं, चीन में CJLR जॉइंट वेंचर के तहत बनने वाली गाड़ियों की घरेलू बिक्री कम हुई, हालांकि इंपोर्टेड गाड़ियों की बढ़ती मांग ने कुछ हद तक नुकसान की भरपाई की।
ये भी पढ़े: Nissan लेकर आई नया धमाका! Magnite के बाद पेश हुई Nissan Tekton SUV
Tata Motors, जो Tata Group का हिस्सा है, ने Q1 FY26 में 62.7% की गिरावट के साथ ₹3,924 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जबकि Q1 FY25 में यह ₹10,514 करोड़ था। कंपनी की ऑपरेशनल आय 2.5% घटकर ₹1,03,792 करोड़ पर पहुंच गई। बुधवार को बीएसई पर टाटा मोटर्स का शेयर 1.26% गिरकर ₹689.25 पर बंद हुआ।
साइबर हमले के चलते JLR ब्रिटेन की तीसरी सबसे प्रभावित कंपनी बन गई। पिछले एक महीने से अधिक समय तक एक भी कार का उत्पादन नहीं हुआ, जिससे कंपनी को हर दिन लाखों पाउंड का नुकसान हुआ। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक रैंसमवेयर हमला था, जिसमें हैकर्स सिस्टम को तब तक लॉक रखते हैं जब तक फिरौती न दी जाए। ब्रिटिश सरकार ने कंपनी को 1.5 बिलियन डॉलर (करीब ₹12,000 करोड़) की लोन गारंटी दी है ताकि वह अपने सप्लायर्स और उत्पादन प्रणाली को फिर से खड़ा कर सके।