Electric Vehicle के लिए देश की पसंद। (सौ. AI)
EV registrations FY26: भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तेज़ी से बढ़ रहा है और वित्तीय वर्ष 2026 की पहली छमाही में यह एक नया मुकाम हासिल कर चुका है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में देश में 10 लाख से अधिक EV पंजीकरण दर्ज किए गए। हालांकि सितंबर माह के आंकड़ों में यात्री वाहन (e-PV) श्रेणी की धीमी बिक्री के चलते हल्की गिरावट देखने को मिली।
सरकारी वाहन पोर्टल डेटा के मुताबिक, सितंबर 2025 में कुल 1.82 लाख EV रजिस्ट्रेशन हुए, जो अगस्त के 1.88 लाख यूनिट्स की तुलना में करीब 3% कम रहे। हालांकि, Q2 FY26 में कुल वॉल्यूम बढ़कर 5.70 लाख यूनिट्स तक पहुंच गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 5.33 लाख था। इस तरह, FY26 की पहली छमाही में कुल ईवी पंजीकरण 11 लाख यूनिट्स तक पहुंच गए, जो पिछले साल की समान अवधि के 8.95 लाख से कहीं अधिक है।
सितंबर में ई-पैसेंजर व्हीकल श्रेणी की बिक्री सबसे ज्यादा प्रभावित रही। यह अगस्त के 18,290 यूनिट्स से घटकर केवल 15,100 यूनिट्स रह गई। विश्लेषकों का मानना है कि हाल ही में आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों और हाइब्रिड्स पर जीएसटी कटौती इसका मुख्य कारण रही, जिससे EV और पेट्रोल/डीजल मॉडल्स के बीच कीमत का अंतर और बढ़ गया।
संशोधित संरचना के तहत, ICE वाहनों पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जबकि 4 मीटर से अधिक लंबे हाइब्रिड्स पर 43% से घटाकर 40% कर दिया गया। वहीं, ईवी पर फिलहाल 5% की रियायती दर ही लागू है।
S&P ग्लोबल मोबिलिटी के निदेशक पuneet Gupta ने कहा, “हाइब्रिड पर GST कटौती ने ग्राहकों की दुविधा और बढ़ा दी है। ईवी की पैसेंजर व्हीकल श्रेणी में पैठ लगभग 5% से घटकर 4% तक आ गई है।”
Crisil Ratings की निदेशक Poonam Upadhyay ने भी कहा, “GST कटौती ने मूल्य-संवेदनशील ग्राहकों को ICE वाहनों की ओर आकर्षित किया है। यह दर्शाता है कि EV की मांग, खासकर पैसेंजर वाहनों में, अभी भी कीमत पर बहुत निर्भर है। उद्योग को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, किफायती फाइनेंसिंग और कुल लागत जागरूकता पर जोर देना होगा।”
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उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीने यह तय करेंगे कि सितंबर में यात्री EV की गिरावट अस्थायी है या फिर यह टैक्स पॉलिसी बदलाव से शुरू हुई एक लंबी सुस्ती का संकेत है।