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नई दिल्ली. आज देश के उर्जावान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का 72वां जन्मदिन है। दोस्तों, एक साधारण परिवार में जन्में नरेंद्र मोदी ने जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना करते हुए भारत के प्रधानमंत्री बनने का सफर तय किया है। गौरतलब है कि कि गुजरात (Gujarat) के वडनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदर दास मोदी और मां का नाम हीराबेन मोदी है।
आर्मी में जाकर देश की सेवा करने का था सपना
पता हो कि बचपन में नरेंद्र मोदी का सपना भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करने का था। इसके लिए वह बाकायदा घर के पास जामनगर के सैन्य स्कूल में एडमिशन लेना चाहते थे। लेकिन माता-पिता के पास उतने पैसे नहीं थे कि वहां उनका एडमिशन हो जाए। इसलिए उन्हें एडमिशन नहीं मिल सका। ऐसे में मोदी अपने पिता के साथ वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में मदद करने लगे। बचपन में मोदी की रूचि परिचर्चा और किताबें पढ़ने में बहुत अधिक थी। यही कारण है कि उनकी बातें अक्सर लोगों को प्रभावित कर देती थीं।
लिया नवनिर्माण आंदोलन में भाग
गौरतलब है कि नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने साल 1973 में नवनिर्माण आंदोलन में भी भाग लिया था। यह इस आंदोलन का ही असर था कि कांग्रेस की सरकार गिर गई। इसी आंदोलन के दौरान वे जयप्रकाश नारायण के करीब आ गए। इमरजेंसी के समय में जॉर्ज फर्नांडीज ने कांग्रेस की खिलाफत करने के लिए हथियार उठाने का प्रस्ताव दिया थालेकिन मोदी ने उन्हें इस पर साफ इनकार कर दिया था।
राजनीतिक सफ़र पर एक नजर
वहीं आपातकाल के बाद मोदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से राजनीतिक विज्ञान में बीए की डिग्री हासिल की और फिर बाद में गुजरात यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस लर्निंग छात्र के रूप में एमए की डिग्री भी प्राप्त की। 1979 में मोदी दिल्ली आ गए, लेकिन जल्दी ही वे वापस लौट गए और 1985 में RSS से BJP में भेज दिए गए। 1987 में मोदी के निर्देशन में BJP ने अहमदाबाद नगर निगम का चुनाव जीता, जिसके बाद वे गुजरात BJP के संगठन सचिव चुने गए।
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गोधरा कांड के छींटे
वहीं साल 1998 से लेकर अक्टूबर 2001 तक मोदी संगठन के महासचिव पद पर रहे। फिर 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया और नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री की कमान दी गई। इसके पांच महीने बाद गुजरात में गोधरा कांड हुआ। जिसमें कई हिंदू कारसेवक मारे गए। वहीं फरवरी 2002 में गुजरात में दंगे भड़के। जिसमें सैकड़ों लोग भी मारे गए। इन्ही गुजरात दंगों को लेकर मोदी पर कई आरोप लगे। यहां तक कि उन्हें CM पद से हटाने की लगातार मांग उठती रही। लेकिन BJP ने उन्हें पद से नहीं हटाया ।
इसके बाद तो दिसंबर 2002 में गुजरात में विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें मोदी के नेतृत्व में BJP ने फिर बेहतरीन जीत दर्ज की। इसके बाद फिर 2007 और 2012 में भी BJP ने विधानसभा चुनान में जीत का परचम लहराया। फिर आया साल 2013 जब नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह दी गयी। इसके बाद साल 2014 में BJP ने मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। BJP ने इस बार अपने बूते पर 282 सीटों पर जीत दर्ज की। नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। फिर साल 2019 का चुनाव भी BJP ने मोदी के के करिश्माई मार्गदर्शन पर पर लड़ा और बड़ी जीत भी दर्ज की। नरेंद्र दामोदर दास मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री बनें।
कैसा होगा इस बार का जन्मदिन
हालाँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन को लेकर कोई भी तामझाम के आदि नहीं है। हर दिन कि तरह अपने जन्मदिन पर रोज की तरह अपनी दिनचर्या की शुरुआत करेंगे। सुबह जल्द उठाकर योग और व्यायाम करने के बाद वे स्नान और ध्यान करेंगे। इसके बाद अपने ईमेल चेक करेंगे और जरूरी निर्देश संबंधित अधिकारियों को देंगे। इसके बाद न्यूज़ वेबसाइट और अखबारों की खबर पर भी सुना है वे नजर डालते हैं। इस प्रकार प्रधानमंत्री का दिन रोज की तरह व्यस्त रहने वाला है। अपने 16 से 18 घंटे काम के दौरान वे अनेकों फिजिकल और वर्चुअल बैठकें भी कर सकते हैं।