Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Dussehra 2025 |
  • Shardiya Navratri |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

जन्मदिवस विशेष: आज है लाला लाजपतराय की जयंती, जानें ‘पंजाब केसरी’ की वीर गाथा, नवभारत की जुबानी

  • By राहुल गोस्वामी
Updated On: Jan 28, 2022 | 06:00 AM
Follow Us
Close
Follow Us:

नयी दिल्ली. भारत (India) के वीर सेनानी लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) जी के बारे में, जिन्हें भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters)में गिना जाता है। पता हो कि आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को ‘पंजाब केसरी’(Punjab Kesari) भी कहा जाता है। ‘लायन ऑफ़ पंजाब’ के नाम से जाने जाने वाले लाला लाजपत राय का आज यानी 28 जनवरी को जन्म दिवस भी  है. 

रहे कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता

वैसे यूँ तो लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि भी हुआ करते थे। उन्हें ‘पंजाब का शेर’ की उपाधि भी मिली थी। वैसे उनका जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के फिरोजपुर जिले के धूदिकी गांव में हुआ था। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे ‘आर्य समाज’ के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की परम भावना जागृत हुई।

स्वामी दयानंद सरस्वती के निधन के बाद लालाजी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एंग्लो वैदिक कॉलेज के विकास के अनेक प्रयास करने शुरू कर दिए। यहीं से हिसार में लालाजी ने कांग्रेस की बैठकों में भी भाग लेना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे कांग्रेस के एक सक्रिय कार्यकर्ता बन गए। 1892 में वे लाहौर चले गए।

1897 और 1899 में जब देश के कई हिस्सों में अकाल पड़ा तो लालाजी राहत कार्यों में सबसे अग्रिम मोर्चे के हर मौके पर दिखाई दिए। जब अकाल पीड़ित लोग अपने घरों को छोड़कर लाहौर पहुंचे तो उनमें से बहुत से लोगों को लालाजी ने खुद अपने घर में ठहराया। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के कल्याण के लिए भी कई काम किए। जब कांगड़ा में भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई तो उस समय भी लालाजी राहत और बचाव कार्यों में हमेशा सबसे अग्रणी रहे।

बंगाल  विभाजन से थे खफा 

हालाँकि इसके बाद अंग्रेजों ने जब 1905 में बंगाल का विभाजन किया तो लाला जी ने सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और विपिनचन्द्र पाल जैसे आंदोलनकारियों से हाथ मिला लिया और अंग्रेजों के इस फैसले की जमकर मुखालफत की। उन्होंने देशभर में स्वदेशी वस्तुएं अपनाने के लिए अभियान चलाया। इसके बाद लालाजी आजादी के लिए लगातार संघर्ष करते रहे।

इसके बाद लालाजी ने 1920 में कलकत्ता में कांग्रेस के एक विशेष सत्र में भाग लिया। वे गांधीजी द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ शुरू किए गए असहयोग आंदोलन में भी कूद पड़े। इसके बाद लाला लाजपत राय के नेतृत्व में यह आंदोलन पंजाब में जंगल में आग की तरह फैल गया और जल्द ही वे ‘पंजाब का शेर’या ‘पंजाब केसरी’जैसे नामों से भी उन्हें आगे पहचाना जाने लगा । 

यूँ देखा जाए तो लाजपत राय ने आजादी की लड़ाई के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया था।  उनके समय आजादी की लड़ाई में जो तीन प्रमुख नेता थे उनमें से एक थे लाला लाजपत राय।  अन्य दो महान क्रांतिकारियों के नाम बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल थे।  इन तीनों की त्रिमूर्ति को लाल, बाल, पाल के नाम से जाना जाता था। 

दिया अपना सर्वोच्च बलिदान

लेकिन लालाजी ने तो अपना सर्वोच्च बलिदान ‘साइमन कमीशन’ के समय दिया। दरअसल 3 फरवरी 1928 को यह कमीशन भारत पहुंचा जिसके विरोध में पूरे देश में आग भड़क उठी। फिर लाहौर में 30 अक्टूबर 1928 को एक बड़ी घटना घटी, जब लाला लाजपत राय के नेतृत्व में साइमन का विरोध कर रहे यहाँ के युवाओं को बेरहमी से पीटा गया। इतना ही नहीं पुलिस ने लाला लाजपत राय की छाती पर बड़ी ही निर्ममता से लाठियां बरसाईं। वे बुरी तरह घायल हो गए और अंतत: इसके चलते 17 नवंबर 1928 को उनकी मृत्यु भी हो गई।

इधर लालाजी की मौत से जैसे सम्पूर्ण देश उत्तेजित हो उठा और चन्द्रशेखर आजाद, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी की मौत का बदला लेने की भी ठान ली। इन जांबाज देशभक्तों और क्रांतिकारियों ने लालाजी की मौत के ठीक 1 महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसंबर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफसर सांडर्स को सरेआम गोली से उड़ा दिया। लालाजी की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को बाद में फांसी की सजा भी सुनाई गई। अब लाला जी की याद में आज ही के दिन यानी 17 नवंबर को बलिदान दिवस के रूप में सम्पूर्ण देश में मनाया जाता है। 

देखा जाए तो लाला लाजपत राय सिर्फ आजादी के मतवाले ही नहीं, बल्कि एक महान समाज सुधारक और महान समाजसेवी भी थे। इसी के चलते उनके लिए जितना सम्मान गांधीवादियों के दिल में था, ठीक उतना ही सम्मान उनके लिए भगतसिंह और चन्द्रशेखर आजाद जैसे बड़े क्रांतिकारियों और देशभक्तों के दिल में भी था। वैसे तो आजादी की लड़ाई का इतिहास क्रांतिकारियों के विविध साहसिक कारनामों से भरा पड़ा है और ऐसे ही एक वीर सेनानी थे लाला लाजपत राय जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था।आइये आज उनकी जयंती पर उनका स्मरण कर अपना सर गर्व से ऊँचा कर लें।

Lala lajpatrai birth anniversary punjab keasri freedom fighter india congress

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jan 28, 2022 | 06:00 AM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

ऋषभ शेट्टी ने ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के लिए नहीं ली फीस, मुनाफे में करेंगे हिस्सा

2

8 भाइयों की इकलौती बहन थीं शारदा सिन्हा, छठ कोकिला का पान से रहा अटूट रिश्ता

3

अल्लू अर्जुन के भाई अल्लू सिरीश की सगाई का ऐलान, दादी की आखिरी ख्वाहिश को किया याद

4

आलिया भट्ट का नवरात्रि अवतार, उल्टा पल्ला साड़ी में दिखीं बेहद खूबसूरत, रानी मुखर्जी संग दिए पोज

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.