शेख हसीना
नई दिल्ली/ढाका: आज यानी रविवार 7 फरवरी को हिंसा और आगजनी के बीच बांग्लादेश( Bangladesh Election 2024) में आम चुनाव के लिए मतदान होगा। आज करीब 12 करोड़ मतदाता अब से कुछ देर बाद यानी इस बार सुबह 8 बजे से अगली सरकार का फैसला करेंगे। मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी है (BNP) है, जिसने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग रखी है। यह पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की है, जोकि अब इस चुनाव का बहिष्कार कर रही है और अभी की सरकार को अवैध बताते हुए अगले 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान भी किया है।
#WATCH | Dhaka: As Bangladesh goes to poll for the 2024 general elections today, Prime Minister Sheikh Hasina says, “Our country is sovereign and independent…We have a big population. We have established people’s democratic rights…I want to make sure that democracy should… pic.twitter.com/Nt48AnhEn6
— ANI (@ANI) January 7, 2024
मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार अपनी ‘डिजिटल बांग्लादेश’ परियोजना से उन मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है जो पहली बार मतदान में हिस्सा लेंगे। हसीना ने 2041 तक ‘स्मार्ट बांग्लादेश’ और 2030 तक युवाओं के लिए 1।5 करोड़ नयी नौकरियों का वादा किया है।
#WATCH | Dhaka, Bangladesh: On BNP’s call for a 48-hour general strike, a local says, “In our country, there are 46 registered parties from the election commission. BNP is just one party. Only one party cannot define our country’s political system. I will go to the vote centre to… pic.twitter.com/tp6DS2fH3u
— ANI (@ANI) January 7, 2024
इधर बांग्लादेश में वोटिंग से पहले चुनाव आयोग का इलेक्शन ऐप ही क्रैश हो चूका है। दरअसल चुनाव आयोग ने मतदाताओं के चुनाव संबंधी विवरण ढूंढने के लिए ऐप को लॉन्च किया था। हालाँकि शेख हसीना का लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। उनको लेकर कहा जाता है कि उन्होंने गरीबी से जूझ रहे देश को उबारते हुए विकास की ओर इसके कदम बढ़ाए हैं। हालांकि उनकी सरकार बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के हनन और विपक्ष पर क्रूर कार्रवाई का संगीन आरोप से जूझ रही है।
ख़ास बात यह है कि हसीना की पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है वहां उनका लगभग कोई भी प्रभावी प्रतिद्वंद्वी नहीं है, ऐसे में उनका जीतना तो तय ही माना जा रहा है। हालाँकि वोटरों का कहना है कि, अगर वोट नहीं देंगे तो सरकारी सहायता जब्त कर ली जाएगी। चूंकि सरकार ही खाना खिलाती है, इसलिए उन्हें वोट तो देना ही होगा। BNP और अन्य पार्टियों ने पिछले साल हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।