1987 से ही ‘मेड इन इंडिया’ पर फोकस : राजीव पोद्दार
मुंबई. भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी बालकृष्णा इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीकेटी टायर्स) ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ में उत्पादन द्वारा विकास के अगले चरण की यात्रा शुरू की है. बीकेटी के देश में 4 टायर उत्पादन संयंत्र हैं, जिनकी कुल वार्षिक क्षमता लगभग 3 लाख मैट्रिक टन है और यह एक एकीकृत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रदाता है, जो विभिन्न सब-सेगमेंट्स में लगातार अपना आधार बढ़ा रही है, जैसे कृषि, उद्योग, निर्माण, खनन तथा दोनों टेक्नोलॉजी (बायस और रेडियल्स) के तहत विंटर और सॉलिड टायर्स. कंपनी का लक्ष्य घरेलू बाजार के साथ वैश्विक बाजारों के लगभग 160 देशों को सेवा प्रदान करना है.
बालकृष्णा इंडस्ट्रीज के संयुक्त प्रबंध निदेशक राजीव पोद्दार ने कहा कि बीकेटी पहले से ही ‘मेड इन इंडिया’ है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने में वर्ष 1987 से ही अपना योगदान दे रही है. भारत और विदेशों के कृषि, उद्योग और खनन क्षेत्र को बेहतरीन क्वालिटी टायरों की आपूर्ति करते हुए हमने बीकेटी को ऑफ-हाइवे टायर उद्योग की एक आत्मनिर्भर वैश्विक कंपनी बनाया है. खतरनाक महामारी के वर्तमान परिदृश्य में हमारा लक्ष्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन में योगदान देकर इस विकट स्थिति से उबरना है. जिसका हमे पूरा विश्वास भी है. हम अपनी उत्पाद-सूची को बेहतर बनाने, उत्पादों की गुणवत्ता को बरकरार रखने और क्षमतावान सेवा प्रदान करने पर केन्द्रित रहेंगे, जिससे हमारे ब्राण्ड को अंतिम ग्राहकों से मान्यता मिलेगी और यह सब हम अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए करेंगे. हमारा मानना है कि आने वाले वर्षों में हम घरेलू और वैश्विक बाजार के विभिन्न सेगमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएंगे.
‘मेक इन इंडिया’ ब्रांडों के लिए अच्छे अवसर
राजीव पोद्दार ने कहा कि आज देश घरेलू कंपनियों की ओर देख रहा है. खरीदार अर्थव्यवस्थाओं का ध्यान भी भटक रहा है और भारत की मांग में तेजी आई है, जो आने वाले वर्षों में और बढ़ सकती है, इसका बड़ा कारण भारतीय उत्पादों से जुड़े विभिन्न सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय कारक हैं. ‘मेक इन इंडिया’ ब्रांडों के पास इस संकट को अवसर में बदलने का मौका है, ताकि भारत आत्मनिर्भर हो और स्थानीय तथा वैश्विक बाजारों को सेवा प्रदान करे.
160 देशों को निर्यात
वर्ष 1987 में संस्थापित बीकेटी ऑफ-हाइवे टायर उद्योग में एक वैश्विक कंपनी के तौर पर विकसित हुई है, जिसकी बाजार में हिस्सेदारी 6% है और राजस्व 850 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो पिछले पाँच वर्षों में औसतन 30% की उच्च दर से बढ़ा है. कंपनी का 80% से अधिक राजस्व लगभग 160 देशों में निर्यात से आता है, जिसके लिए बीकेटी का यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, भारत और शेष विश्व में वितरण तंत्र है. कुल कारोबार में लगभग 60% हिस्सा कृषि सेगमेंट से आता है. बीकेटी का एक-तिहाई राजस्व ऐसी उत्पाद श्रेणी से आता है, जो चक्रीय प्रकृति की है और जिसमें बाजार का जोखिम है. बीकेटी इस जोखिम को नियंत्रित करती है और विभिन्न बाजारों में अपनी मौजूदगी का विस्तार कर वृद्धि सुनिश्चित करती है.