प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव के बीच अमेरिका ने वाशिंगटन से भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने पर विचार करने की खबरों को खारिज कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि मुझे इन खबरों की जानकारी नहीं है कि हमने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया है। मुझे ऐसे किसी निष्कासन की जानकारी नहीं है।
भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और कई अन्य राजनयिकों को वापस भारत भेजे जाने की खबरों के बाद अमेरिका से भी भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने पर विचार करने की खबरें आई थीं, जिन्हें अब अमेरिकी सरकार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। इसे दुनिया में भारत की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि अमेरिका जैसे देश को सफाई पेश करनी पड़ती है।
कनाडा के साथ तनाव बढ़ने के बाद भारत ने 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। कनाडा ने भी 6 भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। भारत सरकार ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को भी कनाडा से वापस बुला लिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमें कनाडा सरकार पर भरोसा नहीं है कि वह उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी। कनाडा ने भारतीय राजनयिकों को एक मामले में संदिग्ध बताया था। इसे खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
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उच्चायुक्त और दोनों देशों के बीच संदेशवाहक होने के नाते मैंने वह नोट दिल्ली भेजा। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को बुलाकर कहा कि भारत सरकार ने फैसला किया है कि 6 कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ना होगा। इसकी सूचना कनाडा को दी गई। इसके बाद दूसरे दिन कनाडा की ओर से हमें ईमेल के जरिए सूचना भेजी गई, जिसमें कहा गया कि हम सभी 6 लोगों को अवांछनीय घोषित किया गया है।
दरअसल, यह मामला खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर से जुड़ा है। निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर दिया था, जबकि वह कनाडाई नागरिक था। पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के पास निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिछले साल 18 सितंबर को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था। हालांकि भारत ने हमेशा कनाडा के इन आरोपों को बेतुका और निराधार बताकर खारिज किया है।
सोमवार को जब कनाडा की पुलिस ने भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को अपने पद का फ़ायदा उठाकर सीधे या एजेंटों के ज़रिए जानकारी जुटाने के आरोप में गिरफ़्तार किया, तो इसका मतलब है कि कनाडा ने सीधे तौर पर भारतीय राजनयिकों को कटघरे में खड़ा किया। बाद में ट्रूडो ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यही आरोप दोहराए।
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हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे ख़ारिज करते हुए साफ़ कहा कि ट्रूडो वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं। कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया। भारत ने साफ़ कहा कि अब उसे कनाडा की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं रहा।