रॉबर्ट प्रीवोस्ट नए पोप बने (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली: 21 अप्रैल को पोप फ्रांसिस के निधन के बाद कल नए पोप के नाम पर मुहर लग गई है। रॉबर्ट प्रीवोस्ट ने वेटिकन के बिशप के तौर पर इस प्रभावशाली पदवी को संभाल लिया है। इसके साथ ही कैथोलिक चर्च के 2,000 साल के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका के किसी नागरिक को पोप के तौर पर चुना गया है।
आपको बता दें कि रॉबर्ट प्रीवोस्ट को लियो 14 के नाम से जाना जाने वाला हैं। 69 वर्षीय रॉबर्ट ने अपनी पूरी जिंदगी पेरू में सेवा देते हुए बितायी है। ऑगस्टीनियन धार्मिक आदेश के सदस्य प्रीवोस्ट ने ये नई जिम्मेदारी उठाने के बाद अपना नाम लियो 14 रख लिया है।
गुरुवार को सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकला था, जिसके साथ ही यह तय हो गया कि नया पोप चुन लिया गया है। पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के रूप में सेंट पीटर्स बेसिलिका के बेसमेंट से बोलते हुए अपने पहले संबोधन में लियो ने कहा है कि शांति आपके साथ हो। उन्होंने शांति, संवाद और धर्म प्रचार के मैसेज पर जोर दिया। उन्होंने पोप के पद की पारंपरिक लाल टोपी पहनी थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि नए पोप का अमेरिकी होना हमारे देश के लिए बहुत ही गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा है कि इससे बड़ा सम्मान और क्या ही हो सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि हम आश्चर्य में पड़ गए और हम खुश भी हैं। लियो नाम अपनाने वाले आखिरी पोप लियो 14 थे, जो एक इतालवी थे और जिन्होंने 1878 से 1903 तक चर्च का नेतृत्व किया।
21 अप्रैल की सुबह पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था। वेटिकन कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फारेल ने उनके निधन की जानकारी देते हुए कहा था कि रोम के बिशप, पोप फ्रांसिस आज सुबह 7.35 बजे यीशू के घर लौट गए। उनका पूरा जीवन यीशू और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था। कैमरलेंगो की पदवी उन कार्डिनल या हाई लेवल पादरी को दी जाती है जो पोप के निधन या उनके इस्तीफे की घोषणा के लिए अधिकृत होते हैं।