पुतिन-पीएम मोदी की मीटिंग पर टिकी दुनिया की नजर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Putin Visit India: भारत और रूस के रिश्ते वर्षों से बेहद मजबूत और पारंपरिक रहे हैं। भारत की आजादी के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे का समर्थन किया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमेशा साथ खड़े रहे हैं। इसलिए जब भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही मिलने वाले हैं, तो पूरी दुनिया की नजर इस मुलाकात पर टिकी हुई है। खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने को लेकर यूरोपीय देशों को भारत और पीएम मोदी से काफी उम्मीदें हैं।
पोलैंड के राज्य सचिव और उप विदेश मंत्री व्लादीस्लॉ तेओफिल बार्तोस्जेवस्की ने भारत दौरे पर अपने इंटरव्यू में बताया कि पुतिन पीएम मोदी की बात ध्यान से सुनते हैं। ऐसे में यूक्रेन युद्ध को लेकर मोदी की सलाह रूस द्वारा गंभीरता से ली जा सकती है, और भारत इस मामले में अहम भूमिका निभा सकता है। पोलैंड, जो रूस का पड़ोसी है और नाटो का सदस्य भी है, पिछले दिनों रूस पर ड्रोन उड़ाने के आरोपों की वजह से चर्चा में रहा है। इसके बावजूद उन्होंने रूस-भारत रिश्ते को बहुत गहरा बताया है।
बार्तोस्जेवस्की ने कहा कि रूस-भारत के बीच की रणनीतिक साझेदारी खास है और यह युद्ध और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुतिन के खिलाफ आरोपों के बावजूद अटूट बनी हुई है। उन्होंने मार्च 2025 में भी भारत के दौरे के दौरान बताया था कि पीएम मोदी ने युद्ध के शुरुआती चरणों में पुतिन को न्यूक्लियर टैक्टिकल हथियारों के उपयोग से रोकने में मदद की। इस बात की पोलैंड समेत कई यूरोपीय देशों ने सराहना की है।
यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत की भूमिका इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि भारत और चीन दोनों रूस के बड़े साझेदार हैं। वे तेल व्यापार और कूटनीतिक तौर पर रूस से जुड़े हुए हैं। चीन रूस से ज्यादा तेल खरीदता है, लेकिन भारत की भी मजबूत साझेदारी है। इसके चलते भारत शांति स्थापित करने के लिए दबाव बना सकता है क्योंकि शांति से सभी देशों का हित जुड़ा है।
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अमेरिका द्वारा रूस, भारत और चीन पर जारी प्रतिबंधों और टैरिफ के बीच, शांति वार्ता को बहुत अहम माना जा रहा है। भारत की मध्यस्थता से यूक्रेन युद्ध के समाधान की उम्मीद की जा रही है, जिससे वैश्विक तनाव कम हो सकता है। इसके अलावा, अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच पुतिन की भारत यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत कर सकती है।