जोहानसबर्ग में चल रहे G20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Modi in G20 Summit Johannesburg: जोहानसबर्ग में चल रहे G20 शिखर सम्मेलन में भारत का डंका बज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पहुंचकर न सिर्फ वैश्विक मंच पर भारत की आवाज बुलंद की, बल्कि आतंकवाद और तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर दुनिया को कड़ी चेतावनी भी दी है। यह उनका 12वां G20 समिट है, जहां उन्होंने वन अर्थ, वन फैमिली, वन विजन के मंत्र के साथ मानवता के भविष्य की रूपरेखा रखी। पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अब सुधार और कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है।
सम्मेलन के दूसरे दिन भू-राजनीतिक हलचल भी तेज रही। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और जर्मनी के चांसलर फ्रीडरिख मर्ज ने यूक्रेन युद्ध और गाजा की स्थिति पर गंभीर चर्चा की। दोनों नेताओं ने गाजा में मानवीय सहायता और शांति योजना पर जोर दिया। इस बीच, पीएम मोदी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ मिलकर एक नए त्रिपक्षीय समझौते की नींव रखी। यह गठबंधन सप्लाई चेन, क्लीन एनर्जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में तीन महाद्वीपों को एक साथ लाएगा, जो तकनीक और आविष्कार के मोर्चे पर बड़ी साझेदारी साबित होगी।
पीएम मोदी ने एआई के बढ़ते इस्तेमाल पर दुनिया को आगाह करते हुए कहा कि अवसर और संसाधन कुछ ही हाथों में सिमटकर नहीं रहने चाहिए। उन्होंने डीपफेक, साइबर क्राइम और आतंकवाद में एआई के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की। उन्होंने साफ कहा कि एआई इंसान की क्षमता बढ़ाए, लेकिन फैसला इंसान के हाथ में ही होना चाहिए। भारत में एआई मिशन और डिजिटल पेमेंट्स की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने तकनीक को ओपन सोर्स बनाने पर जोर दिया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात कर व्यापार और निवेश बढ़ाने पर भी जोर दिया।
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IBSA की बैठक में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार न होने पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों का स्थायी सदस्य न होना पुरानी व्यवस्था की कमी है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है। मोदी ने ड्रग्स और आतंकवाद के गठजोड़ को तोड़ने के लिए जी20 के भीतर नई पहल की मांग की। उन्होंने याद दिलाया कि 2021 में सुरक्षा सहयोग के लिए एनएसए स्तर की बैठक हुई थी, जिसे अब स्थायी रूप देने की जरूरत है।