बीजिंग : उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेता चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ (Belt and Road) पहल के 10 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक बैठक में भाग लेने के लिए बीजिंग पहुंच रहे हैं। इसमें इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद (Prime Minister of Ethiopia Abi Ahmed) सोमवार को बीजिंग पहुंचे। उनसे पहले चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक (Chile’s President Gabriel Boric) और हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन (Hungarian Prime Minister Viktor Orban) रविवार रात यहां पहुंच चुके हैं।
यह पहल चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अहम नीति है। इसके तहत चीनी कंपनियों ने व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में बंदरगाहों, सड़कों, रेलवे संबंधी सुविधाओं एवं बिजली संयंत्रों का निर्माण किया है, लेकिन इन परियोजनाओं के लिए चीन द्वारा दी गई ऋण की बड़ी रकम के कारण कुछ गरीब देश भारी कर्ज में डूब गए हैं।
अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया के अन्य नेता ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ में भाग लेंगे। इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के प्रतिनिधियों के भाग लेने की भी संभावना है।
अगर देखा जाए तो वर्तमान में विश्व की लगभग सभी अर्थव्यवस्थाएँ ‘बंद अर्थव्यवस्था’ की अवधारणा से आगे बढ़कर लॉकडाउन की स्थिति में जाने लगी हैं। इन अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना (Belt and Road’ initiative- BRI) को खासी तवज्जो दी जा रही है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव चीन की एक ऐसा महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसमें विश्व के कई राष्ट्रों ने अपनी सहभागिता निभायी है।
BRI परियोजना की परिकल्पना वर्ष 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की थी। जिसका उद्देश्य दुनिया भर में अपना दबदबा कायम करना है। हालाँकि, चीन इस बात से इनकार करता रहा है। इसके लिए वर्ष 2016 से वन बेल्ट वन रोड परियोजना को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के नाम से जाना जाता है, जिसके जरिए BRI एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका के बीच भूमि और समुद्र क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये चीन द्वारा संचालित परियोजनाओं की एक लंबी चौड़ी योजना बनायी गयी है। BRI को ‘सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट’ और 21वीं सदी की सामुद्रिक सिल्क रोड के रूप में पारिभाषित किया जाता रहा है।