सैन्य विमान हमले के बाद जर्मनी ने चीन को चेतावनी दी (फोटो- सोशल मीडिया)
बर्लिन: चीन अक्सर अपनी ताकत दिखाने के लिए ऐसी कोई हरकत करता है जिससे दूसरे देशों को परेशानी होती है। चीन ने एक बार फिर एक ऐसी ही हरकत की है जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई देशों में हड़कंप ला दिया है। चीन ने जर्मनी के एक सैन्य विमान को लेजर से टारगेट किया है। इससे दोनों देशों के साथ यूरोपीय यूनियन में भी दहशत का माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार, यूरोपीय संघ अपना ऑपरेशन (ASPIDES) समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चला रहा था, इसी दौरान एक सैन्य विमान को निशाना बनाया गया। यह हमला लाल सागर में हुआ है। यूरोपीय संघ का मिशन केवल नागरिक जहाजों की सुरक्षा करता है और किसी भी सैन्य हमले में शामिल नहीं होता। लाल सागर का दक्षिणी हिस्सा एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। इस घटना के बाद जर्मनी ने सीधे चीन पर निशाना साधा है।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि उसने चीनी युद्धपोत की ओर लाल सागर में एक जर्मन विमान पर लेजर इस्तेमाल किए जाने के विरोध में चीन के राजदूत को तलब किया है। जर्मन रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह निगरानी विमान यूरोपीय संघ के मिशन एस्पाइड्स का हिस्सा था, जिसका मकसद यमन में स्थित हूती विद्रोहियों के हमलों से नागरिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
Germany accuses China of laser attack on EU mission aircraft in Red Sea
Germany has accused China of carrying out a laser attack on a German aircraft participating in the European Union’s Aspides mission in the Red Sea.
The German Foreign Ministry stated that threats to German… https://t.co/aPOS6Gg81h
— NEXTA (@nexta_tv) July 8, 2025
मंत्रालय ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में एक चीनी युद्धपोत ने बिना किसी कारण या पूर्व सूचना के उस विमान पर लेजर हमला किया था। यह घटना इस क्षेत्र में इससे पहले भी कई बार हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि युद्धपोत द्वारा लेजर का इस्तेमाल करना लोगों और सामग्री की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।
मंत्रालय ने बताया कि एहतियातन विमान मिशन को रद्द कर दिया गया है। उसने यह भी स्पष्ट किया कि विमान जिबूती स्थित बेस पर सुरक्षित रूप से उतर गया और चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित और स्वस्थ हैं। मंत्रालय ने कहा कि इस विमान का संचालन एक असैन्य वाणिज्यिक सेवा प्रदाता द्वारा किया जा रहा था, लेकिन इसमें जर्मन सेना के सैनिक भी सवार थे। विमान ने यूरोपीय संघ के उस मिशन के तहत अपने अभियान को पुनः शुरू किया है, जो लाल सागर में तैनात है।
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जर्मन विदेश कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि जर्मन कर्मियों को खतरे में डालना और ऑपरेशन में बाधा डालना पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि जर्मनी इस तरह की हरकत को मंजूर नहीं करेगा। हालांकि चीन की ओर से इस पर मंगलवार तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।