अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों पर बढ़ते दमन को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने तालिबान प्रशासन के चार वरिष्ठ अधिकारियों पर आर्थिक और यात्रा प्रतिबंध (सोर्स- सोशल मीडिया)
Repression of Women’s Rights: अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों पर तालिबान के बढ़ते दमन को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़ा कदम उठाया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने तालिबान प्रशासन के चार शीर्ष अधिकारियों पर वित्तीय पाबंदियां और यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कार्रवाई अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ती मानवाधिकार स्थिति के मद्देनजर की गई है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य तालिबान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाना है।
अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों पर तालिबान द्वारा लगाए गए कठोर प्रतिबंधों को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने सख्त रुख अपनाया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने तालिबान प्रशासन के चार वरिष्ठ अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध और आर्थिक पाबंदियां लगाई हैं। विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने बताया कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें तीन तालिबान मंत्री और समूह के मुख्य न्यायाधीश शामिल हैं।
वॉन्ग के अनुसार, ये अधिकारी महिलाओं और लड़कियों पर लगाए गए कठोर प्रतिबंधों को लागू करने और शासन-व्यवस्था को कमजोर करने में सीधे तौर पर शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया का यह कदम अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ती मानवाधिकार स्थिति के मद्देनजर तालिबान पर अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने के लिए दबाव बढ़ाने के इरादे से उठाया गया है।
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में एक नया सरकारी ढांचा लागू किया है, जिसके तहत वह अपने स्तर पर सीधे वित्तीय और यात्रा प्रतिबंध लगा सकता है। कैनबरा इस नए सिस्टम के जरिए उन समूहों और व्यक्तियों पर दबाव बढ़ाना चाहता है, जो अफगान जनता को दमन और प्रतिबंधों के बोझ तले दबा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने साफ किया है कि ये प्रतिबंध ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जो महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा, रोजगार, आवाजाही की स्वतंत्रता और सार्वजनिक जीवन में भागीदारी को रोककर उनके मूल अधिकारों का हनन कर रहे हैं। इस कार्रवाई के माध्यम से, ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर तालिबान को मानवाधिकारों का सम्मान करने के लिए मजबूर करना चाहता है।
अगस्त 2021 में पश्चिमी देशों द्वारा सेना वापस बुलाए जाने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। सत्ता में लौटने के बाद, तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर कठोर पाबंदियां लगा दी हैं।
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वर्तमान में, लड़कियों की माध्यमिक और उच्च शिक्षा लगभग बंद है, महिलाओं का कई क्षेत्रों में काम करना मना है और उन्हें बिना पुरुष अभिभावक के घर से निकलने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों ने इन प्रतिबंधों को संगठित दमन करार दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी हजारों अफगान नागरिकों, खासकर महिलाओं और बच्चों को शरण दी है और उसकी यह नवीनतम कार्रवाई तालिबान पर नैतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाने की एक और कोशिश है।