पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (सोर्स: सोशल मीडिया)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई। सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था।
इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस फैसले का विरोध किया। ममता बनर्जी ने कहा कि “मुझे मीडिया से सजा के बारे में पता चला। हमने हमेशा मृत्युदंड की मांग की है और हम इस पर कायम हैं। मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। हालांकि, यह अदालत का फैसला है और मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकती।”
पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि तीन अन्य मामलों में, राज्य पुलिस ने गहन जांच के माध्यम से मृत्युदंड सुनिश्चित किया, जो 54-60 दिनों के भीतर पूरा हो गया। यह एक गंभीर मामला था। अगर यह हमारे अधिकार क्षेत्र में होता, तो हम बहुत पहले ही मृत्युदंड सुनिश्चित कर देते।
बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में रोष था। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने आरोपी काे फांसी की सजा देने की मांग को लेकर कई दिनों तक धरना दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार के लिए इस मामले ने मुश्किलें खड़ी कर दी थी।
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सोमवार को फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश दास ने कहा कि यह अपराध ‘दुलर्भ से दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके। कोर्ट ने राज्य सरकार को मृतक डॉक्टर के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। संघीय जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस मामले की जांच की थी।