सीएम ममता बनर्जी व कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (सोर्स - सोशल मीडिया)
कोलकाता: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी की लंदन यात्रा पर सवाल उठाते हुए इसे केवल “विवाद और नाटक” करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता को यह बताना चाहिए कि इस यात्रा से राज्य को क्या लाभ हुआ। चौधरी ने कहा कि बनर्जी करदाताओं के पैसे से गई थीं, इसलिए उनकी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस यात्रा के खर्च और उपलब्धियों पर सफाई दे। ऑक्सफोर्ड के केलॉग कॉलेज में ममता बनर्जी के भाषण के दौरान हुए हंगामे पर उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री का अपमान करने वालों के खिलाफ हैं, लेकिन ममता बनर्जी को भी अपनी कुर्सी की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।
बता दें कि पिछले सप्ताह ऑक्सफोर्ड के के लॉग कॉलेज में ममता बनर्जी के भाषण के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा मचाए गए हंगामे पर चौधरी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री का अनादर करने वाले लोगों के खिलाफ हैं, खासकर तब जब वह आधिकारिक दौरे पर हों। अधीर रंजन ने संवाददाताओं से कहा कि लंदन में ज्यादा कुछ नहीं हुआ है। हम जानना चाहते हैं कि लंदन (मुख्यमंत्री के साथ) कौन गया था। इस यात्रा पर क्या खर्च हुआ । वहां उन्होंने किन लोगों से मुलाकात की, और क्या प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं तथा क्या राज्य को उससे लाभ होगा या नहीं।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके चौधरी ने कहा कि वह (बनर्जी) करदाताओं के पैसे से वहां गयी थीं और इसलिए उनकी सरकार की यह जिम्मेदारी है कि उनके लौटने के बाद यात्रा के परिणाम के बारे में प्रेस बयान जारी किया जाए। अधीर रंजन ने कहा कि लंदन यात्रा का नतीजा विवादों और नाटक के अलावा कुछ और नहीं है एवं अब लोग इस पर हंस रहे हैं। चौधरी ने यह भी कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि बंगाल के लोग ममता की लंदन यात्रा के परिणाम के बारे में जानने के लिए उत्सुक नहीं है। वे बोले कि लंदन यात्रा के परिणाम के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। यह बहुत आश्चर्यजनक है। लंदन की उनकी यात्रा के बारे में कई प्रतिक्रियाएं हैं।
देश की अन्य खबरें खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
चौधरी ने पूछा कि ममता बनर्जी के साथ लंदन यात्रा पर कौन-कौन गया था, किन लोगों से मुलाकात हुई, और क्या कोई ठोस प्रस्ताव मिला जिससे बंगाल को लाभ होगा? उन्होंने कहा कि सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए। कांग्रेस नेता ने दोहराया कि वे ममता बनर्जी के राजनीतिक विरोधी हो सकते हैं, लेकिन वह उनकी भी मुख्यमंत्री हैं। विदेश दौरे के दौरान उनका अनादर नहीं होना चाहिए, लेकिन साथ ही मुख्यमंत्री को भी अपनी कुर्सी की प्रतिष्ठा बनाए रखनी चाहिए।
( ऐजेंसी इनपुट के साथ )