बृजभूषण शरण सिंह ने मंच से बोलते हुए छात्रों को अपने बचपन की कहानी सुनाने लगे। इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं कक्षा 8 में तीन बार फेल हुआ। फिर फेल न हो जाऊं, इसके लिए बगल में बैठे छात्र को धमकाया और उससे अपनी कॉपी लिखवाई और पास हो गया।” इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने अपने आप से बात करना शुरू किया और जाना कि दिक्कत कहां है। इसलिए बच्चों, अपने आप से बात करना शुरू करो, समस्या का समाधान निकालो, उस पर अमल करो और तरक्की करो।”
बृजभूषण शरण सिंह ने मंच से बोलते हुए छात्रों को अपने बचपन की कहानी सुनाने लगे। इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं कक्षा 8 में तीन बार फेल हुआ। फिर फेल न हो जाऊं, इसके लिए बगल में बैठे छात्र को धमकाया और उससे अपनी कॉपी लिखवाई और पास हो गया।” इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने अपने आप से बात करना शुरू किया और जाना कि दिक्कत कहां है। इसलिए बच्चों, अपने आप से बात करना शुरू करो, समस्या का समाधान निकालो, उस पर अमल करो और तरक्की करो।”