Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और मानवीय बेबसी की एक हृदयविदारक तस्वीर सामने आई है। तिलाखेड़ी निवासी सुरेश सहरिया अपनी बीमार पत्नी गंगाबाई को एक जर्जर ठेले पर बैठाकर 4 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। गंगाबाई पिछले 10 वर्षों से घुटनों और कमर के गंभीर दर्द से जूझ रही हैं, जिसके कारण वे चलने में पूरी तरह असमर्थ हैं।
सुरेश, जो कभी इसी ठेले पर सब्जियां बेचते थे, आज अपनी पत्नी को ढोने के लिए इसका सहारा ले रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में सुनवाई न होने की आशंका और ऑटो का किराया देने में असमर्थता के कारण वे निजी डॉक्टर तक पहुंचने के लिए यह रास्ता चुनते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि यदि उनसे संपर्क किया जाता तो एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती, लेकिन बुजुर्ग दंपति ने मदद के लिए संपर्क नहीं किया। इस घटना पर राजनीति भी तेज हो गई है; कांग्रेस ने इस वीडियो को साझा करते हुए भाजपा सरकार की विफल स्वास्थ्य सेवाओं की तीखी आलोचना की है। यह स्थिति दर्शाती है कि सरकारी तंत्र और जरूरतमंद नागरिक के बीच भरोसे की भारी कमी है।
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और मानवीय बेबसी की एक हृदयविदारक तस्वीर सामने आई है। तिलाखेड़ी निवासी सुरेश सहरिया अपनी बीमार पत्नी गंगाबाई को एक जर्जर ठेले पर बैठाकर 4 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। गंगाबाई पिछले 10 वर्षों से घुटनों और कमर के गंभीर दर्द से जूझ रही हैं, जिसके कारण वे चलने में पूरी तरह असमर्थ हैं।
सुरेश, जो कभी इसी ठेले पर सब्जियां बेचते थे, आज अपनी पत्नी को ढोने के लिए इसका सहारा ले रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में सुनवाई न होने की आशंका और ऑटो का किराया देने में असमर्थता के कारण वे निजी डॉक्टर तक पहुंचने के लिए यह रास्ता चुनते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि यदि उनसे संपर्क किया जाता तो एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाती, लेकिन बुजुर्ग दंपति ने मदद के लिए संपर्क नहीं किया। इस घटना पर राजनीति भी तेज हो गई है; कांग्रेस ने इस वीडियो को साझा करते हुए भाजपा सरकार की विफल स्वास्थ्य सेवाओं की तीखी आलोचना की है। यह स्थिति दर्शाती है कि सरकारी तंत्र और जरूरतमंद नागरिक के बीच भरोसे की भारी कमी है।