AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में MNREGA से जुड़े एक बिल पर सरकार पर तीखा हमला बोला है, और आरोप लगाया कि सरकार इस कानून को ‘कत्ल’ कर खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो कानून पहले डिमांड-ड्रिवन गारंटी था, उसे अब मरकजी महाविनस स्कीम (सप्लाई डिमांड प्रोग्राम) में बदला जा रहा है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र हर इख्तियार हासिल करके हुकूमत को एक डिक्टेटर की तरह चलाना चाहता है। उन्होंने फंडिंग पैटर्न में किए गए बदलावों पर भी गहरी आपत्ति जताई है। अब केंद्र 90% की जगह सिर्फ 60% लागत वहन करेगा, और 40% का बोझ राज्यों पर डाल दिया गया है। ओवैसी ने सवाल उठाया कि किसी भी रियासत के पास मार्च के महीने में अपना बजट बनाने के बाद इतना पैसा नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि 60 दिन के ‘ब्लैकआउट’ से गरीब, खासकर खवातीन और भूमिहीन लोगों को बड़ा नुकसान होगा, और इससे जमींदार खुशियां मनाएंगे। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि बिहार के सीमांचल जैसे क्षेत्रों से पलायन करने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से और भी ज़्यादा बढ़ जाएगी। ओवैसी ने कहा कि भारत का गरीब भूखा देख रहा है और इसका जवाब जरूर देगा।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में MNREGA से जुड़े एक बिल पर सरकार पर तीखा हमला बोला है, और आरोप लगाया कि सरकार इस कानून को ‘कत्ल’ कर खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो कानून पहले डिमांड-ड्रिवन गारंटी था, उसे अब मरकजी महाविनस स्कीम (सप्लाई डिमांड प्रोग्राम) में बदला जा रहा है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र हर इख्तियार हासिल करके हुकूमत को एक डिक्टेटर की तरह चलाना चाहता है। उन्होंने फंडिंग पैटर्न में किए गए बदलावों पर भी गहरी आपत्ति जताई है। अब केंद्र 90% की जगह सिर्फ 60% लागत वहन करेगा, और 40% का बोझ राज्यों पर डाल दिया गया है। ओवैसी ने सवाल उठाया कि किसी भी रियासत के पास मार्च के महीने में अपना बजट बनाने के बाद इतना पैसा नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि 60 दिन के ‘ब्लैकआउट’ से गरीब, खासकर खवातीन और भूमिहीन लोगों को बड़ा नुकसान होगा, और इससे जमींदार खुशियां मनाएंगे। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि बिहार के सीमांचल जैसे क्षेत्रों से पलायन करने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से और भी ज़्यादा बढ़ जाएगी। ओवैसी ने कहा कि भारत का गरीब भूखा देख रहा है और इसका जवाब जरूर देगा।