Rajnath Singh on Operation Sindoor: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गीता सम्मेलन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सिद्धांत की व्याख्या की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि शांति के तप को जीवित रखना है, तो उसके भीतर शक्ति का ताप अनिवार्य है, और निर्दोषों की रक्षा के लिए बलिदान का साहस आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जो लोग भारत की सहिष्णुता को कमजोरी समझ बैठे थे, उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने ऐसा माकूल जवाब दिया, जिसे वे आज तक भूल नहीं पाए हैं। सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत लड़ाई नहीं चाहता, लेकिन यदि मजबूर किया गया तो वह पीछे नहीं हटता। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की आत्म प्रतिबद्धता, आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की उद्घोषणा थी। गीता सिखाती है कि शांति तभी टिकती है, जब उसके पीछे आत्मविश्वास और बल का सहारा हो, क्योंकि शक्ति और शांति एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं। सिंह ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भगवान कृष्ण के संदेश का ही पालन किया। यह ऑपरेशन पूरे विश्व को संदेश देता है कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध न तो मौन रहेगा, न ही किसी भी सूरत में कमजोर पड़ेगा। उन्होंने जोड़ा कि श्री कृष्ण ने सिखाया था कि धर्म की रक्षा केवल प्रवचन से नहीं होती, बल्कि कर्म से होती है। आज का भारत भी एक विराट कर्मभूमि है।
Rajnath Singh on Operation Sindoor: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गीता सम्मेलन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सिद्धांत की व्याख्या की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि शांति के तप को जीवित रखना है, तो उसके भीतर शक्ति का ताप अनिवार्य है, और निर्दोषों की रक्षा के लिए बलिदान का साहस आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जो लोग भारत की सहिष्णुता को कमजोरी समझ बैठे थे, उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने ऐसा माकूल जवाब दिया, जिसे वे आज तक भूल नहीं पाए हैं। सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत लड़ाई नहीं चाहता, लेकिन यदि मजबूर किया गया तो वह पीछे नहीं हटता। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की आत्म प्रतिबद्धता, आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की उद्घोषणा थी। गीता सिखाती है कि शांति तभी टिकती है, जब उसके पीछे आत्मविश्वास और बल का सहारा हो, क्योंकि शक्ति और शांति एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं। सिंह ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भगवान कृष्ण के संदेश का ही पालन किया। यह ऑपरेशन पूरे विश्व को संदेश देता है कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध न तो मौन रहेगा, न ही किसी भी सूरत में कमजोर पड़ेगा। उन्होंने जोड़ा कि श्री कृष्ण ने सिखाया था कि धर्म की रक्षा केवल प्रवचन से नहीं होती, बल्कि कर्म से होती है। आज का भारत भी एक विराट कर्मभूमि है।