RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कोलकाता में ‘शताब्दी व्याख्यान’ के दौरान संघ की तुलना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “जैसे आकाश जैसा सिर्फ आकाश है, वैसे ही संघ जैसा कोई दूसरा संगठन नहीं है।” भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ को लेकर समाज में कई गलतफहमियां हैं। गणवेश देखकर इसे पैरामिलिट्री मानना या सेवा कार्य देखकर केवल एनजीओ समझना गलत है। भागवत ने विशेष रूप से जोर देकर कहा कि संघ के स्वयंसेवक राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन “संघ को भाजपा (BJP) के द्वारा समझने की कोशिश करना सबसे बड़ी गलती होगी।” उन्होंने कहा कि संघ 1,300 से अधिक सेवा प्रकल्प बिना सरकारी पैसे के चलाता है, लेकिन उसे समझने के लिए दूर से देखने के बजाय उसे अनुभव करना आवश्यक है।
RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कोलकाता में ‘शताब्दी व्याख्यान’ के दौरान संघ की तुलना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “जैसे आकाश जैसा सिर्फ आकाश है, वैसे ही संघ जैसा कोई दूसरा संगठन नहीं है।” भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ को लेकर समाज में कई गलतफहमियां हैं। गणवेश देखकर इसे पैरामिलिट्री मानना या सेवा कार्य देखकर केवल एनजीओ समझना गलत है। भागवत ने विशेष रूप से जोर देकर कहा कि संघ के स्वयंसेवक राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन “संघ को भाजपा (BJP) के द्वारा समझने की कोशिश करना सबसे बड़ी गलती होगी।” उन्होंने कहा कि संघ 1,300 से अधिक सेवा प्रकल्प बिना सरकारी पैसे के चलाता है, लेकिन उसे समझने के लिए दूर से देखने के बजाय उसे अनुभव करना आवश्यक है।