महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म ध्वजा लहराने को संन्यासियों का नगर प्रवेश शुरू हो गया है। सबसे बड़े जूना अखाड़े का नगर प्रवेश रविवार को पूरे वैभव के साथ संपन्न हुआ। यहां आने वाले संत सजधज, राजसी ठाठ, ध्वज पताका और जयकारों के बीच संतों का समूह हनुमानगंज के रामापुर पटेल नगर स्थित रोकड़िया हनुमान मंदिर से कालिंदी (यमुना नदी) के तट पर स्थित मौज गिरि मंदिर पहुंचने के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि संपूर्ण यात्रा की अध्यक्षता जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने की। अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और अन्य संन्यासी इसमें प्रमुख रूप से शामिल हुए। साथ में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि, टीना मां, जगदगुरु महेंद्रानंद गिरि आदि रथों पर सवार रहे।
महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म ध्वजा लहराने को संन्यासियों का नगर प्रवेश शुरू हो गया है। सबसे बड़े जूना अखाड़े का नगर प्रवेश रविवार को पूरे वैभव के साथ संपन्न हुआ। यहां आने वाले संत सजधज, राजसी ठाठ, ध्वज पताका और जयकारों के बीच संतों का समूह हनुमानगंज के रामापुर पटेल नगर स्थित रोकड़िया हनुमान मंदिर से कालिंदी (यमुना नदी) के तट पर स्थित मौज गिरि मंदिर पहुंचने के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि संपूर्ण यात्रा की अध्यक्षता जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने की। अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और अन्य संन्यासी इसमें प्रमुख रूप से शामिल हुए। साथ में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि, टीना मां, जगदगुरु महेंद्रानंद गिरि आदि रथों पर सवार रहे।