11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज ज़िले के छोटे से गाँव फुलवरिया में एक सितारे ने जन्म लिया—नाम रखा गया, लालू प्रसाद यादव। तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह बच्चा एक दिन देश की राजनीति का ऐसा नाम बनेगा, जिसे भुला पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन होगा। 2025 में जब बिहार एक बार फिर विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और ख़ासतौर पर लालू परिवार एक बार फिर सियासी चर्चाओं के केंद्र में हैं। भले ही पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के वर्चस्व में कुछ गिरावट आई हो और लालू यादव सक्रिय राजनीति से थोड़ा दूर हुए हों, लेकिन बिहार की राजनीति में उनका प्रभाव आज भी बरकरार है।
11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज ज़िले के छोटे से गाँव फुलवरिया में एक सितारे ने जन्म लिया—नाम रखा गया, लालू प्रसाद यादव। तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह बच्चा एक दिन देश की राजनीति का ऐसा नाम बनेगा, जिसे भुला पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन होगा। 2025 में जब बिहार एक बार फिर विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और ख़ासतौर पर लालू परिवार एक बार फिर सियासी चर्चाओं के केंद्र में हैं। भले ही पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के वर्चस्व में कुछ गिरावट आई हो और लालू यादव सक्रिय राजनीति से थोड़ा दूर हुए हों, लेकिन बिहार की राजनीति में उनका प्रभाव आज भी बरकरार है।