अब ईपीएफ सदस्य पीएफ खाते से अपनी पूरी राशि (अपना और कंपनी दोनों का हिस्सा) निकाल सकेंगे। हालांकि, 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में बनाए रखना अनिवार्य होगा, ताकि इस पर 8.25% की चक्रवृद्धि ब्याज दर मिलती रहे। मोटा-मोटी, सदस्य 75% राशि आसानी से निकाल सकते हैं। राहत की बात यह है कि प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी या महामारी जैसी विशेष परिस्थितियों में निकासी के लिए अब कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। आंशिक निकासी के लिए 13 कठिन पुरानी शर्तों को खत्म कर दिया गया है। शिक्षा के लिए निकासी की सीमा 3 से बढ़ाकर 10 बार और शादी के लिए 3 से बढ़ाकर 5 बार कर दी गई है। साथ ही, आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 12 महीने कर दी गई है। ईपीएफओ ने दावों के तेजी से निपटारे के लिए ऑटोमेटिक सेटलमेंट और ईपीएफओ 3.0 डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा, EPS 95 पेंशनर्स अब घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) निःशुल्क जमा कर सकेंगे।
अब ईपीएफ सदस्य पीएफ खाते से अपनी पूरी राशि (अपना और कंपनी दोनों का हिस्सा) निकाल सकेंगे। हालांकि, 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में बनाए रखना अनिवार्य होगा, ताकि इस पर 8.25% की चक्रवृद्धि ब्याज दर मिलती रहे। मोटा-मोटी, सदस्य 75% राशि आसानी से निकाल सकते हैं। राहत की बात यह है कि प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी या महामारी जैसी विशेष परिस्थितियों में निकासी के लिए अब कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। आंशिक निकासी के लिए 13 कठिन पुरानी शर्तों को खत्म कर दिया गया है। शिक्षा के लिए निकासी की सीमा 3 से बढ़ाकर 10 बार और शादी के लिए 3 से बढ़ाकर 5 बार कर दी गई है। साथ ही, आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 12 महीने कर दी गई है। ईपीएफओ ने दावों के तेजी से निपटारे के लिए ऑटोमेटिक सेटलमेंट और ईपीएफओ 3.0 डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा, EPS 95 पेंशनर्स अब घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) निःशुल्क जमा कर सकेंगे।